चक्रवाती तूफान दितवाह ने पड़ोसी देश श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है। इस विनाशकारी चक्रवात के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 334 लोगों की मृत्यु हो गई है, जबकि कई अन्य लोग अभी भी लापता हैं। इस गंभीर संकट के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 दिसंबर) को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से फोन पर बातचीत की और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
पीएम मोदी ने दितवाह के कारण श्रीलंका में बड़ी संख्या में जान-माल के नुकसान पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति दिसानायके से कहा कि भारत इस मुश्किल समय में श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने साफ किया कि भारत के लोग इस कठिन समय में श्रीलंका के लोगों के साथ पूरी एकजुटता और समर्थन में खड़े हैं।
ऑपरेशन सागर बंधु: भारत की त्वरित मानवीय सहायता
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति दिसानायके को आश्वस्त किया कि संकटग्रस्त व्यक्तियों को बचाव और राहत प्रदान करने के लिए चल रहे ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत श्रीलंका को निरंतर समर्थन देता रहेगा।
पीएम ने बताया कि भारत की तरफ से श्रीलंका के लिए भेजी गई राहत सामग्री और बचाव दल मौके पर काम कर रहे हैं। यह सहायता भारत की मानवीय प्रतिबद्धता और 'पहला प्रतिक्रिया देने वाले देश' की भूमिका को मजबूत करती है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति दिसानायके को आश्वस्त किया कि ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका की ज़रूरतों के मुताबिक राहत, बचाव और मानवीय सहायता लगातार भेजी जाती रहेगी।
राष्ट्रपति दिसानायके ने जताया आभार
राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत द्वारा समय पर दी गई प्रभावी सहायता के लिए अपना गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने आपदा के बाद भारत की सहायता के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और बचाव दलों एवं राहत सामग्री की त्वरित तैनाती की सराहना की।
राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि श्रीलंका के प्रभावित इलाकों में भारत की त्वरित मदद से राहत कार्यों में तेज़ी आई है। उन्होंने कहा कि भारतीय बचाव दलों की समय पर तैनाती और भेजी गई सामग्रियों ने कई क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाई है। उन्होंने भारत के समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए श्रीलंका की जनता की ओर से भी आभार व्यक्त किया
दितवाह का विनाशकारी असर
चक्रवात दितवाह के बाद श्रीलंका में कई इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश, भूस्खलन और समुद्र में आए उफान की वजह से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
भारत द्वारा भेजे गए राहत दलों ने प्रभावित तटीय इलाकों में तुरंत काम शुरू किया और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला। इसके साथ ही भारत ने राहत सामग्री भी भेजी है, जिसमें दवाएं, भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय बनाने के सामान शामिल हैं।
ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारतीय वायुसेना ने श्रीलंका के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया है। वायुसेना ने अब तक 40 श्रीलंकाई सैनिकों और 104 भारतीयों को रेस्क्यू किया है। इस चक्रवाती तूफान ने श्रीलंका को बुरी तरह झकझोर दिया है, जिससे देशभर के 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं।