जैसे-जैसे 7वां इंडियन स्क्रीनराइटर कांफ्रेंस (ISC) नजदीक आ रहा है, यह एक ऐसा अवसर बनता जा रहा है जो इंडियन स्क्रीनराइटरस क्रिएटरस केलिए मील का पत्थर बनता जा रहा हैं और ऐसे ही एक राइटर सत्यांशु सिंह हैं, जो एक प्रसिद्ध पटकथा लेखक, निर्देशक और Screenwriters Association (SWA) की कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। चिंटू का बर्थडे और ब्लैक वारंट जैसी फिल्मों के लिए मशहूर, सिंह ने SWA कांफ्रेंस कोही अपनी सिनेमेटिक जर्नी का शुरुआती बिंदु बताया है, जिसने उनके करियर को दिशा दी।
सत्यांशु सिंह अपने शुरुआती दिनों को याद करते हैं, जब वह मुंबई में नए थे और उन्होंने SWA सम्मेलन में भाग लिया था, जो फिल्म सिटी के पासइंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट में हुआ था। उस समय वह 24-25 साल के थे और स्क्रीनराइटिंग के लिए कोई औपचारिक शिक्षा के बारे में उन्हें कुछ पता नहींथा। वह कहते हैं, "मैं लिखना चाहता था, मैंने मेडिकल कॉलेज में तीन फीचर फिल्में लिखी थीं, और मैंने निर्देशन भी शुरू किया था, लेकिन मुझे नहींपता था कि लिखाई के लिए कोई औपचारिक शिक्षा हो सकती है। मुझे लगा था कि मैं खुद से सब कुछ सीख सकता हूं।"
इसी सम्मेलन में उन्हें पहली बार स्क्रीनराइटिंग की तकनीकीताओं का सामना करना पड़ा। वह बताते हैं, "मैंने एक सेशन में फिल्मकार अब्बासटायरवाला को सुना, जिनकी फिल्म जाने तू या जाने ना हाल ही में रिलीज़ हुई थी। उन्होंने नरेटिव संरचना के बारे में बात की, जिसमें 'फर्स्ट एक्ट', 'सेकंड एक्ट' और स्क्रीनराइटिंग के अन्य महत्वपूर्ण शब्दों का जिक्र किया। मुझे इन शब्दों का कोई ज्ञान नहीं था, और मुझे अचानक एहसास हुआ किमुझे बहुत कुछ नहीं आता है।"
इस एहसास ने उन्हें सीखने की प्रेरणा दी और उसी शाम को उन्होंने अपनी पहली स्क्रीनराइटिंग किताब पढ़नी शुरू की। "मैंने घर जाकर अपनी पहलीस्क्रीनराइटिंग की किताब पढ़ी, और यह पढ़ाई का सफर आज भी जारी है। मैं आज भी एक किताब पढ़ रहा था, और यह सिलसिला पिछले 16 सालोंसे जारी है।"
सत्यांशु सिंह मानते हैं कि SWA सम्मेलन ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह कहते हैं, "मेरे सिनेमाई या स्क्रीनराइटिंगकी शिक्षा की शुरुआत इस सम्मेलन से हुई थी। कुछ सालों बाद, मैंने खुद भी पढ़ाना शुरू किया। इस तरह से मैं अपनी पढ़ाई का श्रेय SWA सम्मेलनको देता हूं।"
भारतीय पटकथा लेखक सम्मेलन (ISC) आज एक ऐसा मंच बन चुका है जहां नए और उभरते हुए लेखक, जैसे सत्यांशु सिंह एक बार थे, उद्योग केदिग्गजों से सीख सकते हैं। इस साल के सम्मेलन में अनुभवी लेखक और फिल्म निर्माता अपनी यात्रा और अनुभव साझा करेंगे, जिससे नए लेखकों कोप्रेरणा मिल सकेगी।
7वें भारतीय पटकथा लेखक सम्मेलन में इस साल क्रिस कीजर, बिस्वपति सरकार, सत्यांशु सिंह, आर्टी कदाव, अंजुम राजाबाली, जैसे दिग्गज भागलेंगे। इस आयोजन में सेशन, मास्टर क्लास, और नेटवर्किंग के शानदार मौके होंगे, जो किसी भी नए पटकथा लेखक के लिए बेहद उपयोगी साबितहोंगे।
जैसा कि सत्यांशु सिंह की यात्रा से पता चलता है, भारतीय पटकथा लेखक सम्मेलन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक परिवर्तनकारी अनुभवहै, जो भारतीय सिनेमा के भविष्य को आकार देता है, एक लेखक के रूप में।
इसलिए, अगर आप एक लेखक हैं या फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखना चाहते हैं, तो यह सम्मेलन आपके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है।