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जोधपुर में फर्जी लोन के नाम पर कारोबारी से 7.5 लाख की ठगी, पुलिस जांच में जुटी, जानिए पूरा मामला

मुंबई, 13 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जोधपुर में फर्जी लोन दिलाने के नाम पर एक कारोबारी से 7.5 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने बैंककर्मियों से संबंध होने का झांसा देकर करोड़ों रुपए का लोन दिलाने का भरोसा दिया। पीड़ित प्रेम परिहार (40), निवासी भाखर बेरा बासनी तम्बोलिया ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 6, जोधपुर महानगर की अदालत में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। आरोपियों में अजय शर्मा, गणपत सालेचा और एक अन्य शामिल हैं। प्रेम परिहार ने बताया कि अजय शर्मा और गणपत सालेचा ने उनसे संपर्क कर बताया कि वे बड़े बैंक अधिकारियों से परिचित हैं और आसानी से 5 करोड़ रुपए का लोन दिला सकते हैं। लोन की प्रक्रिया और दस्तावेजों की प्रोसेसिंग के नाम पर आरोपियों ने पीड़ित से 7.5 लाख रुपए वसूल किए, जिसमें 1.5 लाख फोन पे और 6 लाख नकद थे।

कुछ समय बाद जब प्रेम परिहार ने लोन और पैसे के बारे में पूछताछ की, तो आरोपियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया और बदसलूक Read more...

दिल्ली में 'लिफाफा गैंग' एक्टिव, बुजुर्गों को बना रहा निशाना; लूट के आरोप में 3 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने का दावा किया है, जिसे 'लिफाफा गैंग' के नाम से जाना जाता है। यह गिरोह अकेले यात्रा कर रहे बुजुर्गों को लिफ्ट देकर, उन्हें सम्मोहित कर उनके गहने और नकदी लूट लेता था, और कीमती सामान के बदले लिफाफे में नकली गहने रखकर फरार हो जाता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोशन (52), सागर (35) और दीपक (43) के रूप में हुई है, जो सभी दिल्ली के निवासी हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह नकली नंबर प्लेट लगी एक कार का इस्तेमाल करता था और विशेष रूप से अकेले यात्रा कर रहे बुजुर्ग व्यक्तियों को अपना निशाना बनाता था। उनकी गिरफ्तारी सोमवार को हुई।

इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब 18 जुलाई को हरि नगर पुलिस स्टेशन में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, महिला ने आरोप लगाया था कि तीन लोगों ने उसे अपनी कार में लिफ्ट दी, उसे 'सम्मोहित' किया और उसके सोने के झुमके और 4,000 रुपये नकद छीन लिए। बाद में, जब उसने Read more...

संकट में आजम खान की Y श्रेणी सुरक्षा, शासन स्तर पर नए सिरे से शुरू हुआ मंथन; खुफिया विभाग से मांगी गई रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां को प्रदान की गई 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है और अब इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आजम खां को यह सुरक्षा व्यवस्था तब दी गई थी जब उन्हें किसी मामले में कोर्ट से सजा नहीं सुनाई गई थी। हालांकि, दो जन्म प्रमाणपत्र प्रकरण में सजा होने के बाद उनके सुरक्षाकर्मी हटा दिए गए थे, लेकिन हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा होने के बाद यह सुरक्षा व्यवस्था फिर से बहाल कर दी गई है। अब सजायाफ्ता होने के बावजूद 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा जारी रखने के फैसले को लेकर शासन स्तर पर नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू हो गया है।

आजम खां एक प्रभावशाली राजनीतिक हस्ती रहे हैं, जो 10 बार विधायक और एक बार सांसद चुने गए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में चार बार मंत्री पद भी संभाला है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भी उन्हें 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। लेकिन 18 अक्टूबर 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके पुत्र अब्दु Read more...

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