अनु सिंह चौधरी, जो आर्या, ग्रहण, स्कूप और दिल्ली क्राइम सीजन 3 जैसी प्रसिद्ध वेब सीरीज की स्क्रीनराइटर हैं, केवल अपनी लेखनी के लिए हीनहीं बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग में स्क्रीनराइटर्स के अधिकारों के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। वह स्क्रीनराइटर्स राइट्स एसोसिएशन ऑफइंडिया (SRAI) और स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (SWA) की सक्रिय सदस्य हैं और स्क्रीनराइटर्स को कानूनी और वित्तीय (लीगल और फाइनेंसियल) अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए लगातार काम करती हैं।
7वें भारतीय स्क्रीनराइटर्स कॉन्फ्रेंस (ISC) में अनु सिंह चौधरी "नई वास्तविकताएँ" (न्यू रेअलिटीज़) विषय पर चर्चा करने वाली हैं, जो मनोरंजन जगतमें हो रहे बदलावों पर आधारित होगी। वह कहती हैं, "यह सम्मेलन नए और पेशेवर दोनों तरह के लेखकों के लिए है, जहाँ वे न केवल लेखन के क्राफ्टके बारे में जानकारी और ज्ञान मिलेगा, बल्कि उद्योग की कानूनी बातें, जैसे कॉन्ट्रैक्ट्स, अधिकार और ग्लोबल ट्रेंड्स पर भी चर्चा होगी"। अनु केअनुसार, ऐसे मंचों का महत्व इसलिए है क्योंकि यहां लेखक अपने अधिकारों के बारे में सीख सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें उनकेकाम का उचित सम्मान और भुगतान मिले।
SRAI, एक संगठन जिसमें अनु बहुत सक्रिय हैं, स्क्रीनराइटर्स द्वारा सामना किए जाने वाले अनुचित भुगतान, श्रेय की कमी और कानूनी समस्याओं केसमाधान में अहम भूमिका निभा रहा है। अनु का मानना है कि यह संगठन उन लेखकों के लिए जरूरी है जो फिल्म निर्माण प्रक्रिया में अक्सर हाशिये परहोते हैं। वह कहती हैं, "उद्योग लगातार बदल रहा है, खासकर थिएटर दर्शकों की कमी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव के साथ।" लेखकों कोइन बदलावों को समझना जरूरी है ताकि वे इस बदलते हुए उद्योग में सही तरीके से काम कर सकें।
डोपामिन मीडिया की सह-संस्थापक और एक प्रख्यात लेखिका के तौर पर अनु ने फिल्म इंडस्ट्री में लेखकों की आवाज को मजबूती से उठाया है। उनकेलिए ISC न केवल दूसरों को सिखाने का अवसर है, बल्कि एक मंच है जहाँ वे अपने साथियों से भी बहुत कुछ सीख सकती हैं। अनु कहती हैं, "मैंसम्मेलन में वरिष्ठ लेखकों और साथियों से सुनने के लिए उत्सुक हूं। ये चर्चाएँ और मास्टर क्लास हमें सभी को बदलते हुए बाजार को समझने में मददकरेंगी।"
आकांक्षी लेखकों के लिए अनु का संदेश है: "आगे बढ़ते रहो, अपने अधिकारों के बारे में जानकारी रखो, और बाजार को समझो ताकि आपका कामसही पहचान और उचित भुगतान पा सके।" यह संदेश उन लेखकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्षकरते हैं।
7वां भारतीय स्क्रीनराइटर्स कॉन्फ्रेंस 14 फरवरी से शुरू हो रहा है, जिसमें क्रिस कीज़र, बिस्वापति सरकार, सत्यांशु सिंह, आर्टी कदव, अंजुम राजबाली,हितेश केवीलिया, क्रिस्टो टोमी, राज शेखर, निखिल आडवाणी, कanu behl, आनंद तिवारी और कई अन्य उद्योग के दिग्गज विशेषज्ञ अपने विचारसाझा करेंगे।
यह सम्मेलन भारतीय स्क्रीनराइटर्स के लिए अपने अधिकारों की रक्षा करने और एकजुट होने का बेहतरीन अवसर है। जैसे-जैसे फिल्म उद्योग बदल रहाहै, अनु सिंह चौधरी जैसे लेखक इस बदलाव के साथ आगे बढ़कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्क्रीनराइटर्स की आवाज सुनी जाए, उनके अधिकारों कासम्मान हो और उनके योगदान को सराहा जाए।