मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 12 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यानी कुल मुख्यमंत्रियों का लगभग 40 प्रतिशत आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है। इनमें से 10 मुख्यमंत्रियों के खिलाफ हत्या की कोशिश, किडनैपिंग और रिश्वतखोरी जैसे गंभीर अपराधों से जुड़े केस दर्ज हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर सबसे ज्यादा 89 मामले दर्ज पाए गए हैं। यह खुलासा चुनाव सुधार से जुड़ी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब सरकार ने संसद में तीन नए बिल पेश किए हैं। इन बिलों में प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिन से अधिक जेल में रहते हैं तो उन्हें पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।
ADR ने यह अध्ययन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मौजूदा 30 मुख्यमंत्रियों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण करके तैयार किया है। इसमें इस्तेमाल किए गए आंकड़े मुख्यमंत्रियों द्वारा पिछला चुनाव लड़ते समय दिए गए हलफनामों से लिए गए हैं। ADR ने अपनी एक अन्य रिपोर्ट में यह भी बताया कि गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) की आय में भारी बढ़ोतरी हुई है। जुलाई 2025 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, इन पार्टियों की आय 2022-23 में 223% बढ़ गई। देश में कुल 2764 RUPP पार्टियां रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनमें से 73% ने अपना वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं किया। सिर्फ 739 पार्टियों ने अपनी आय-व्यय का ब्यौरा साझा किया। रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात की ऐसी पांच पार्टियों की कुल आय 2316 करोड़ रुपए रही, जिसमें से अकेले एक साल में ही उनकी आमदनी 1158 करोड़ रुपए थी। जबकि पिछले पांच सालों में तीन चुनावों में इन्हें सिर्फ 22 हजार वोट मिले। इन पार्टियों ने 2019 से 2024 के बीच दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में 17 उम्मीदवार उतारे, लेकिन कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका। खास बात यह है कि इनमें से चार पार्टियां 2018 के बाद रजिस्टर्ड हुई थीं।