मुंबई, 23 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। आंदोलनकारी किसानों और केंद्र के बीच चंडीगढ़ में हुई छठी मीटिंग में भी कोई हल नहीं निकला। ढाई घंटे चली मीटिंग में किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने केंद्र के सामने आंकड़े रखे। अब अगली मीटिंग 19 मार्च को चंडीगढ़ में ही होगी। मीटिंग के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- 'बैठक अच्छे माहौल में हुई। हमने मोदी सरकार की प्राथमिकताएं किसानों के सामने रखीं। किसानों की भी बातें सुनीं। किसानों के पास अपने आंकड़े हैं और केंद्र सरकार के पास अपना डेटा है। दोनों आंकड़ों को मिलाया जाएगा। उधर, किसानों का 25 फरवरी को दिल्ली कूच का प्रोग्राम है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि अगर मीटिंग में हल नहीं निकला तो दिल्ली कूच होगा। किसान इसे लेकर आज फैसला ले सकते हैं।
वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान जत्थेबंदियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कुछ आंकड़े सामने रखे। इन आंकड़ों के आधार पर उन्होंने अपनी मांगों को उचित ठहराया। आंकड़ों में विभिन्न फसलों की खरीद मात्रा, खरीद मूल्य और बाजार मूल्य का डेटा शामिल था। इन आंकड़ों पर विभिन्न मत सामने आए। किसान संगठनों द्वारा दिए गए आंकड़े केंद्र सरकार के आंकड़ों से मेल नहीं खा रहे थे, इसलिए मंत्रियों ने इनके स्रोत के बारे में पूछताछ की। फिर यह तय हुआ कि अगले कुछ दिनों में केंद्रीय एजेंसियां किसानों से यह डेटा लेंगी और 19 मार्च को इस पर दोबारा चर्चा होगी। साथ ही, किसानों के साथ हुई मीटिंग में शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल शामिल हुए। शिवराज सिंह चौहान मीटिंग के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल में आते ही डल्लेवाल के पास पहुंचे। उन्होंने झुककर डल्लेवाल का हालचाल जाना। मीटिंग में तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने डल्लेवाल से अनशन खत्म करने की अपील की। डल्लेवाल ने उनसे कहा कि जब तक सभी फसलों पर MSP की गारंटी नहीं मिलती अनशन खत्म नहीं होगा।