मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का मॉडल प्रदर्शित किया। यह प्रस्तुति नेशनल स्पेस डे से ठीक एक दिन पहले की गई, जो हर साल 23 अगस्त को मनाया जाता है। संगठन ने बताया कि 2028 तक स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च करने की योजना है। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनके पास अपनी ऑर्बिटल लेबोरेटरी मौजूद है। फिलहाल दुनिया में केवल दो ही अंतरिक्ष स्टेशन सक्रिय हैं। पहला है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS), जिसे पांच अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर संचालित करती हैं। दूसरा है चीन का तियांगोंग स्पेस स्टेशन। भारत का लक्ष्य है कि 2035 तक कुल पांच मॉड्यूल अंतरिक्ष में स्थापित किए जाएं। इनमें से पहला मॉड्यूल BAS-01 लगभग 10 टन वजनी होगा और इसे पृथ्वी से 450 किलोमीटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को आधुनिक तकनीक से तैयार किया जा रहा है। इसमें एनवायरमेंट और लाइफ सपोर्ट सिस्टम होगा, जो अंतरिक्ष में सांस लेने और रहने की सुविधा देगा। स्टेशन में वैज्ञानिक प्रयोगों और रिसर्च के लिए माइक्रोग्रैविटी प्लेटफॉर्म होगा। इसके अलावा खास खिड़कियां वैज्ञानिक प्रयोग, फोटोग्राफी और क्रू की जरूरतों के लिए लगाई जाएंगी। इस स्टेशन में भारतीय डॉकिंग और बर्थिंग सिस्टम होगा, जिससे अलग-अलग मॉड्यूल आसानी से जुड़ सकेंगे। ऑटोमैटिक हैच सिस्टम क्रू की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करेगा। जरूरत पड़ने पर स्टेशन में ईंधन और फ्लूइड्स को दोबारा भरा जा सकेगा। साथ ही, स्पेसवॉक के लिए विशेष सूट और दरवाजे भी मौजूद रहेंगे।