मुंबई, 10 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान सरकार ने जयपुर नगर निगम की सीमाओं में बड़ा बदलाव करते हुए शहर को नए सिरे से 13 जोनों में बांटने का निर्णय लिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने इस पुनर्गठन से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत अब जयपुर नगर निगम में कुल 150 वार्ड शामिल होंगे। सरकार का कहना है कि यह नया ढांचा आगामी नगर निगम चुनावों का आधार बनेगा।
नए पुनर्गठन में कई विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं में बदलाव किया गया है। विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा गया है — मुरलीपुरा और विद्याधर नगर जोन। मुरलीपुरा जोन में वार्ड संख्या 1 से 13 तक शामिल किए गए हैं, जबकि विद्याधर नगर जोन में वार्ड 7 से 22 तक होंगे। इसी तरह झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र को भी दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। झोटवाड़ा जोन में वार्ड 23 से 27 तक और वैशाली नगर जोन में वार्ड 28 से 37 तक शामिल होंगे।
सांगानेर विधानसभा क्षेत्र को भी दो हिस्सों में बांटा गया है। इसके अंतर्गत मानसरोवर और सांगानेर जोन बनाए गए हैं। मानसरोवर जोन में वार्ड 38 से 49 तक होंगे, जबकि सांगानेर जोन में वार्ड 47 से 58 तक शामिल किए गए हैं। वहीं बगरू विधानसभा क्षेत्र को झालाना और जगतपुरा जोनों में विभाजित किया गया है। झालाना जोन में वार्ड 64 से 72 तक और जगतपुरा जोन में वार्ड 59 से 68 तक शामिल होंगे।
मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में मालवीय नगर जोन बनाया गया है, जिसमें वार्ड 73 से 87 तक शामिल हैं। सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में भी इसी नाम से एक जोन बनाया गया है, जिसमें वार्ड 88 से 103 तक शामिल किए गए हैं। किशनपोल विधानसभा क्षेत्र को किशनपोल जोन का नाम दिया गया है, जिसमें वार्ड 104 से 115 तक शामिल होंगे। वहीं आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श नगर जोन बनाया गया है, जिसमें वार्ड 116 से 132 तक शामिल हैं। हवामहल और आमेर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर एक संयुक्त जोन तैयार किया गया है, जिसे आमेर-हवामहल जोन नाम दिया गया है। इस जोन में वार्ड 133 से 150 तक शामिल किए गए हैं।
नए जोन गठन के बाद जयपुर नगर निगम की प्रशासनिक सीमाएं और वार्डों का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि इस पुनर्गठन से कार्यप्रणाली को क्षेत्रवार अधिक प्रभावी बनाया जा सके और विकास कार्यों का समान वितरण हो। हालांकि फिलहाल नए जोनों के हिसाब से अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है, इसलिए इस व्यवस्था को लागू होने में कुछ समय लग सकता है।
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जयपुर की बढ़ती जनसंख्या, भौगोलिक विस्तार और नगरीय जरूरतों को देखते हुए यह बदलाव जरूरी था। उन्होंने बताया कि अगले साल होने वाले जयपुर नगर निगम चुनाव अब इन्हीं नई सीमाओं के आधार पर कराए जाएंगे।