मुंबई, 08 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि शाह ऐसे बर्ताव कर रहे हैं, जैसे वे देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हों। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अमित शाह पर ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि एक दिन वही उनके “मीर जाफर” साबित हो सकते हैं। दरअसल, ममता बनर्जी ओडिशा के कटक में 5 अक्टूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा को लेकर बोल रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कटक में सांप्रदायिक तनाव की वजह भाजपा और बजरंग दल हैं। ममता ने कहा कि भाजपा और उससे जुड़े संगठन देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को घमंडी और तानाशाह बताते हुए कहा कि सत्ता स्थायी नहीं होती, आज उनके पास ताकत है लेकिन कल हालात बदल सकते हैं।
ममता ने सवाल उठाते हुए कहा कि “सिर्फ 15 दिन में SIR कैसे हो सकती हैं? यह सब अमित शाह का काम है। प्रधानमंत्री सब जानते हैं, फिर भी खामोश हैं।” उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि शाह एक दिन उन्हीं के खिलाफ खड़े होंगे, जैसे मीर जाफर ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के साथ किया था। ममता बनर्जी ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के मिरिक पुल हादसे पर दिए बयानों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “बंगाल गुजरात नहीं है। 2022 में गुजरात के मोरबी पुल हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।” ममता ने बताया कि राज्य सरकार ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। अब तक 500 राहत किट जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा चुकी हैं जिनमें चावल, दाल, सूखा राशन, दूध और कंबल शामिल हैं। लगभग 1,000 पर्यटकों को 45 बसों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिरिक में अस्थायी पुल 15 दिनों में तैयार कर लिया जाएगा, जबकि नया पुल अगले मानसून से पहले बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वे अगले सप्ताह दोबारा बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी ताकि राहत कार्यों की खुद निगरानी कर सकें। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत कोष न जारी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव प्रचार के लिए तो करोड़ों रुपए खर्च कर देती है, लेकिन जब बात जनहित और आपदा राहत की आती है तो चुप्पी साध लेती है। उत्तरी बंगाल में बीते एक सप्ताह से लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि मीर जाफर भारतीय इतिहास में विश्वासघात का प्रतीक माना जाता है। 1757 की प्लासी की लड़ाई में उसने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से मिलकर सिराजुद्दौला को हराने में मदद की थी। इसके बाद अंग्रेजों ने उसे बंगाल का नवाब बना दिया और इसी घटना से भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखी गई।