कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में पद्म पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जिले से दो नामों की सिफारिश की गई है। एक नाम कला जगत से और दूसरा समाज सेवा के क्षेत्र से है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले धनीराम पैंथर को विशिष्ट सेवा और ताम्रपत्र पर जीवंत चित्र उकेरने वाले रंजीत सिंह को विशिष्ट कला के लिए पद्मश्री पुरस्कार हेतु अनुशंसा भेजी है। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में वर्षों से विशिष्ट योगदान दे रहे हैं।
धनीराम पैंथर वर्ष 2009 से लावारिस शवों का ससम्मान अंतिम संस्कार करने का अभियान चला रहे हैं। अब तक वह 16,000 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं और 1500 जरूरतमंद बेटियों की शादी भी करवाई है। उनका कहना है कि इस मुहिम में हर धर्म और वर्ग के लोग सहयोग करते हैं। समाज के लिए उनके इस निस्वार्थ कार्य ने उन्हें कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में अलग पहचान दी है।
वहीं, 83 वर्षीय रंजीत सिंह ताम्रपत्र, सोना-चांदी और अन्य धातुओं पर बारीक और जीवंत चित्र उकेरने की कला में माहिर हैं। उन्होंने राम मंदिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विषयों पर अद्भुत कलाकृतियां बनाई हैं। उनके ताम्रपत्र संसद भवन से लेकर मारीशस तक की हस्तियों को भेंट किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने मेडल निर्माण में भी योगदान दिया है, जो मर्चेंट्स चैंबर, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठानों को प्रदान किए गए हैं।
पद्म पुरस्कार चयन की प्रक्रिया लंबी और कठिन है, लेकिन इन दोनों का योगदान समाज और कला के क्षेत्र में अद्वितीय माना जा रहा है। यदि इन्हें पद्मश्री सम्मान मिलता है, तो यह कानपुर के लिए गर्व का विषय होगा। प्रशासन को उम्मीद है कि इनके कार्य देशभर में प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।