कानपुर न्यूज डेस्क: लखनऊ में शिखर पान मसाला लदे ट्रकों की गिरफ्तारी के बाद शासन ने एक बार फिर से कार्रवाई की है। एसजीएसटी कार्यालय के दो सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। इससे पहले, राज्य कर विभाग के चार अफसरों को निलंबित किया जा चुका था। इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग के मुख्यालय में तैनात एक और अफसर का कार्यक्षेत्र बदल दिया गया है।
यह घटना 23-24 दिसंबर की है, जब कानपुर में पंजीकृत शिखर पान मसाला की फैक्टरी से बिना ई-वे बिल के चार ट्रक लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। इन ट्रकों को लखनऊ में रोका गया, तो टैक्स चोरी के प्रमाण मिले। राज्य कर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने जांच के बाद 29 दिसंबर को चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जो कानपुर में तैनात थे।
जांच में यह पाया गया कि पान मसाले का परिवहन बिना ई-वे बिल के किया जा रहा था, जबकि अधिकारियों की टीमों को पान मसाला इकाइयों के बाहर 24 घंटे निगरानी रखने के आदेश थे। ई-वे बिलों की शत-प्रतिशत सत्यापन का भी निर्देश था, लेकिन इसके बावजूद यह नियम उल्लंघन हुआ। नतीजतन, प्रमुख सचिव ने दो सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जांच शुरू कर दी है।
निलंबित किए गए सहायक आयुक्तों में रत्नेश सिंह और सोमांक चौहान शामिल हैं, जो पहले कानपुर जोन द्वितीय के सचल दल प्रभारी थे। उन्हें अब मुरादाबाद में राज्य कर कार्यालय से संबद्ध किया गया है। राज्य कर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मामले में जांच पूरी करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।