कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर शहर और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। कानपुर चिड़ियाघर में अब नन्हा कंगारू भी लोगों को देखने को मिलेगा। गुजरात के वनतारा जू से लाए गए कंगारू के जोड़े ने यहां बच्चे को जन्म दिया है। खास बात यह है कि उत्तर भारत के किसी चिड़ियाघर में पहली बार कंगारू का बच्चा पैदा हुआ है। इस वजह से पूरे जू परिसर में खुशी का माहौल है और लोग इसे देखने के लिए उत्साहित हैं।
जू प्रशासन ने बताया कि इस साल जनवरी में गुजरात से दो छोटे कंगारू और एक जोड़ा जेब्रा कानपुर लाया गया था। जेब्रा ऐश्वर्या की मौत के बाद उसके बाड़े को विदेशी प्रजातियों के लिए तैयार किया गया था। अब मादा कंगारू ने बच्चे को जन्म दिया है जिससे कानपुर जू की लोकप्रियता और बढ़ गई है। यह भी बताया गया कि कंगारू का गर्भकाल करीब 36 दिन का होता है और बच्चा लगभग 200 दिन तक मां की थैली में रहकर विकसित होता है।
कानपुर जू में मौजूद कंगारू दरअसल वॉलेबी प्रजाति से संबंधित हैं। वॉलेबी और कंगारू दोनों “मैक्रोपोडिडाए” परिवार के सदस्य हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि वॉलेबी आकार में छोटे होते हैं। इस थैली-स्तनपायी प्रजाति को देखना दर्शकों के लिए अनोखा अनुभव होगा। एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें मादा कंगारू अपने बच्चे को थैली में पालती हुई दिखाई दे रही है।
इसके अलावा जू प्रशासन ने यह भी जानकारी दी है कि मादा जेब्रा भी जल्द बच्चा दे सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह कानपुर जू के लिए और भी बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि अब तक यहां जेब्रा का बच्चा नहीं हुआ है। फिलहाल डॉक्टरों की टीम नन्हे कंगारू और उसकी मां की देखभाल कर रही है। इस नन्हे मेहमान ने कानपुर जू को पूरे उत्तर भारत में एक नई पहचान दी है और आने वाले दिनों में यह दर्शकों के लिए आकर्षण का खास केंद्र बनेगा।