कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में एकता गुप्ता हत्याकांड का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। हत्या किस दिन हुई, इसको लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे थे। जानकारी के अनुसार, एकता 24 जून को लापता हो गई थी। अब यह दावा सामने आया है कि उसी दिन विमल सोनी ने एकता की हत्या कर दी थी। पुलिस ने रात 2:50 बजे इस घटना का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि विमल और एकता के बीच किसी बात पर झगड़ा हुआ था। इसी दौरान विमल ने एकता के चेहरे पर घूंसा मारकर उसे बेहोश कर दिया और फिर कार में ही रस्सी से उसका गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद विमल उसकी लाश ऑफिसर्स क्लब ले गया और पहले से खुदे गड्ढे को और गहरा कर उसे मिट्टी से ढक दिया। लाश 5 फीट खुदाई करने के बाद बरामद हुई।
डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने एकता की हत्या के संबंध में कहा कि पूछताछ में घटनाक्रम स्पष्ट हो गया है। उन्होंने बताया कि एकता और विमल एक-दूसरे के करीब थे। कुछ मतभेद होने के कारण एकता ने लगभग 15-20 दिनों तक जिम जाना छोड़ दिया था। लेकिन 24 जून को जब वह जिम गई, तो वहां विमल भी मौजूद था। विमल ने उसे अपनी कार में बिठाया और उसे बताया कि उसका तिलक हो चुका है और जल्द ही उसकी शादी होने वाली है। इस पर एकता नाराज हो गई और विमल से बहस करने लगी।
डीसीपी ने कहा कि विमल एकता के शब्दों से गुस्सा हो गया और उसने उसकी नाक पर जोर से घूंसा मारा, जिससे एकता बेहोश हो गई। इसके बाद विमल ने कार में रखी रस्सी से उसका गला दबा दिया। फिर वह एकता की लाश को ऑफिसर्स क्लब ले गया, जहाँ वह अक्सर आता-जाता था। वहां उसने खुद ही 5 फीट गहरा गड्ढा खोदा और एकता की लाश को दफना दिया। डीएम आवास के करीब स्थित इस क्लब में इतनी बड़ी घटना को अंजाम देना कैसे मुमकिन हुआ, इस बारे में डीसीपी ने कोई जवाब नहीं दिया।
डीसीपी ने साफ किया कि जहां लाश को दफनाया गया वह स्थान डीएम आवास परिसर से अलग है। हालांकि, यह डीएम आवास के पास ही है, लेकिन उसके परिसर में नहीं आता। जांच में पाया गया कि लाश 80% नष्ट हो चुकी थी। गले में लिपटी रस्सी भी मौके पर मिली। एकता का शव उस लोअर में मिला, जो उसने घर से निकलते समय पहना हुआ था। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि 24 जून को ही उसकी हत्या हुई थी।
डीसीपी ने आगे बताया कि एकता की हत्या के बाद विमल कानपुर से भागकर पहले पुणे गया, जहां उसने कुछ दिन छिपकर बिताए और नौकरी खोजने की कोशिश की। जब पुणे में उसे कोई काम नहीं मिला, तो वह पंजाब चला गया। पंजाब में भी जिम ट्रेनर के रूप में काम नहीं मिल सका, तो मजबूरन एक होटल में वेटर का काम करना पड़ा। लेकिन कानपुर पुलिस ने आखिरकार उसे कैसे पकड़ा? इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
विमल ने कानपुर छोड़ने के बाद से अपने मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया था। उसने अपने पुराने परिचितों और कानपुर के लोगों से कोई संपर्क नहीं रखा, इसी कारण वह इतने समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर 3 घंटे तक जांच की और कई सैंपल भी इकट्ठा किए हैं।