कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के नारामऊ ब्लैक स्पॉट पर हुए हादसे ने एक परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया। हादसे में जान गंवाने वाली शिक्षिका आकांक्षा मिश्रा के पति गौरव मिश्रा, जो एयरफोर्स में कार्यरत हैं, गुरुवार को अपने बेटे और परिजनों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। खून के निशान देखकर गौरव अपने आंसू रोक नहीं पाए। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि अगर अफसरों ने पहले ही इस खतरनाक कट को बंद कर दिया होता, तो शायद आज आकांक्षा उनके साथ होती। उनके साथ मौजूद भाई और बहनोई ने उन्हें ढांढस बंधाया, लेकिन गौरव की आंखें बार-बार अपने बेटे और उस कट के बीच भटकती रहीं, जहां उनकी दुनिया उजड़ गई।
आकांक्षा के बिना बेटे गौरांग की जिंदगी भी सूनी हो गई है। गौरव बताते हैं कि बेटा हर वक्त मां को ढूंढता है, जोर-जोर से रोता है, मम्मा-मम्मा पुकारता है। न ठीक से दूध पी रहा, न खेल रहा और न ही सो पा रहा है। चाचा सौरव की गोद में भी वह बस मां को याद करता रहा। परिवार के लोग उसे समझाने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन मां के बिना मासूम की तड़प साफ झलकती है। गौरव अब चाहते हैं कि उन्हें फिर से कानपुर ट्रांसफर किया जाए ताकि वो अपने बेटे की देखभाल कर सकें। वहीं, आकांक्षा के देवर ने सरकार से परिवार के लिए आर्थिक मदद की मांग की है।
आकांक्षा के अलावा इस हादसे में एक और परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा है। बर्रा निवासी अंजुला मिश्रा की मौत के बाद उनकी बेटियां पर्णिका और सोनिका ने खाना तक नहीं खाया। पति आनंद बताते हैं कि बेटियां हमेशा अंजुला से ही पहला निवाला खाती थीं। घर में काम करने वाली माया ने भी भावुक होते हुए कहा कि वो नौ साल से उनके घर में काम कर रही थीं, लेकिन ऐसा स्नेह और सादगी किसी और में नहीं देखी। हादसे वाले दिन भी अंजुला ने जाते वक्त बेटियों के लिए कुछ अच्छा बनाने को कहा था, लेकिन किसे पता था वो आखिरी मुलाकात होगी।