कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के चमनगंज इलाके के प्रेमनगर में रविवार रात को एक भीषण अग्निकांड में पांच लोगों की जान चली गई, जिसमें कारोबारी मोहम्मद दानिश, उनकी पत्नी नाजली सबा और तीन बेटियां शामिल थीं। आग के दौरान दानिश और उनके परिवार ने छत पर जाने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे पर ताला लगे होने और अंदर धुएं और आग के कारण वे फंसे रहे। दानिश के परिवार का एकमात्र रास्ता था, लेकिन वे उसे पार नहीं कर सके और आग में जल गए।
दानिश के भाई कासिफ ने हादसे के बाद अपनी भावना जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को खोने का गहरा दुख हुआ है। उनका दिल टूट गया था क्योंकि उनके परिवार के कुछ सदस्य आग में झुलस गए थे और उनके बच्चे तड़पते हुए इस दुनिया से चले गए। कासिफ का कहना था कि यह हादसा कैसे हुआ, यह समझ पाना बहुत मुश्किल था, और वह इसे कभी नहीं भूल पाएंगे। इस हादसे में मोहल्ले के लोग भी शोक में डूब गए और हर आंख में आंसू थे।
दानिश की पत्नी नाजली सबा की दोस्त रुमाना ने बताया कि दानिश और सबा बहुत खुशमिजाज और अच्छे दिल के लोग थे। दोनों की दोस्ती उनके साथ किए गए हज यात्रा के दौरान और भी गहरी हो गई थी। रुमाना ने बताया कि दानिश और सबा ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया, और उनकी दोस्ती उन दोनों के लिए बहुत खास थी। इस हादसे ने रुमाना और उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है, क्योंकि वे इन दोनों को बहुत पसंद करते थे।
शिजा, जो दानिश की बेटी इनाया की करीबी दोस्त थी, ने बताया कि वह और उसकी मैम असेंबली में हमेशा साथ रहते थे। जब सोमवार को इनाया की तस्वीर पर फूल चढ़ाए गए, तो शिजा ने कहा कि अगर इनाया अब कभी नहीं आएगी तो वह भी स्कूल नहीं जाएगी। शिजा ने अपनी दोस्त को याद करते हुए बताया कि उसने हमेशा इनाया की ही बातें की थीं और अब उसे डर है कि इस हादसे को कैसे समझाए।