कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेमनगर इलाके में रविवार रात एक जूते के कारखाने में भीषण आग लग गई, जो तेजी से फैलती चली गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि इमारत की तीसरी मंजिल तक पहुंच गईं, और दमकल कर्मियों के द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद, आग ने विकराल रूप ले लिया। आग लगने के कारण केमिकल के ड्रम में विस्फोट हुए, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। बचाव कार्य में एसडीआरएफ, पुलिस और दमकल विभाग ने रात भर कठिनाई का सामना किया। तीन घंटे बाद, रात करीब साढ़े बारह बजे, हाईड्रोलिक मशीन के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
घटना के दौरान, जूता कारोबारी दानिश और उसके परिवार के लोग फंसे हुए थे। दानिश के पिता अकील ने फोन पर संपर्क किया, लेकिन बाद में दानिश से संपर्क नहीं हो पाया। आग बुझाने के दौरान एक बार लगा कि आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन अचानक चौथी मंजिल पर लपटें फिर से भड़क उठीं। इस दौरान बचाव कर्मियों को अपनी जान की सलामती बचाने के लिए भागना पड़ा। घटनास्थल पर कानपुर के महापौर प्रमिला पांडेय और डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
रात करीब तीन बजे दमकलकर्मियों ने इमारत में फंसे दानिश, उसकी पत्नी नाजनीन और तीन बेटियों के जले हुए शव निकाले। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगने का संदेह है। घटना में पांच लोगों की जान गई है और इसने इलाके में अफरातफरी मचा दी। घटनास्थल पर दो सौ मीटर के दायरे को सील कर दिया गया और आसपास के क्षेत्रों को खाली कराया गया। इस दौरान एडीएम, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि घनी आबादी वाली इलाकों में कारखानों के संचालन की अनुमति कैसे दी जाती है। इलाके के लोग पूछ रहे हैं कि आखिरकार विभागों के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे कारखानों के संचालन को कैसे अनदेखा कर देते हैं, जबकि नीचे फैक्ट्रियां चल रही होती हैं और ऊपर परिवार रहते हैं। यह घटना न केवल सुरक्षा की कमी को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी दर्शाती है।