कानपुर न्यूज डेस्क: शिकागो में रहने वाली महिला प्रोफेसर, प्रो. कविता शाह ने कानपुर कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज कराए। यह पहली बार है जब विदेश में रहने वाली किसी वादी का बयान वीडियो कॉल पर लिया गया है। प्रो. कविता शाह ने 2004 में अपनी मां के साथ शिकागो जाने के बाद, आनंदपुरी स्थित अपने मकान पर कब्जे का आरोप लगाया था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को शिकायत भेजी थी, जिसके बाद 2014 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था।
प्रो. कविता का आरोप था कि जाली दस्तावेजों के माध्यम से उनके मकान पर कब्जा किया गया। कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान देने की उनकी अपील को पहले दो बार खारिज किया गया था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इस आदेश को मंजूरी दे दी। 16 जनवरी को 9:30 बजे से 12:30 बजे के बीच उनके बयान दर्ज किए गए, और बचाव पक्ष के वकील ने उनसे जिरह भी की।
आरोपी कन्हैया गुप्ता का नाम विवेचना के दौरान हटा दिया गया था, और अजीत गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट हाईकोर्ट में निरस्त हो गई थी। इस पर अभियोजन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसके बाद अजीत गुप्ता के खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ। अब 20 जनवरी को अगली गवाही होगी।
प्रो. कविता शाह ने कोर्ट में बताया कि उनकी मां और नरेंद्र सिंह के बीच मकान को लेकर 14 लाख रुपये का सौदा हुआ था, जिसमें सात लाख रुपये पहले ही दिए गए थे। इस मामले में गवाही के दौरान बचाव पक्ष ने उनकी मां के हस्ताक्षर की प्रमाणिकता को लेकर सवाल उठाए थे, साथ ही यह भी पूछा कि क्यों वे गवाही देने के लिए कोर्ट नहीं आ रही हैं।
यह मामला दस साल पुराना है, और इस दौरान वादिनी के बयान लेने में कई कानूनी और व्यक्तिगत कारणों से देरी हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनके बयान ने इस मामले में एक नई दिशा दी है।