कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के जूही बम्बुरहिया इलाके में लंबे समय से जारी सीवर जलभराव की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ गया। शुक्रवार को इलाके की पार्षद शालू सुनील कनौजिया ने विरोध जताते हुए जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार को मौके पर बुलाया और खुद सीवर के गंदे पानी में उतर गईं। उन्होंने अधिकारी को भी उसी पानी में ले जाकर समस्या की गंभीरता दिखलाई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि 25 मई से मेट्रो निर्माण कार्य के चलते यहां सीवर लाइन बाधित हो गई है, जिससे गलियों में लगातार पानी भरा रहता है। लोगों ने नारेबाजी करते हुए मेट्रो और जलकल विभाग दोनों को जिम्मेदार ठहराया। पार्षद ने बताया कि नई सीवर लाइन बिछाई गई थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही वह भी फेल हो गई।
निवासियों ने आरोप लगाया कि गंदे पानी में रहने से बीमारियां फैल रही हैं। कई लोगों के पैरों में घाव हो गए हैं और जीवन नरकीय हो चुका है। पार्षद ने जलकल विभाग को याद दिलाया कि जनता सीवर टैक्स जलकल को देती है, इसलिए मेट्रो से समस्या का हल करवाना उनकी जिम्मेदारी है।
पार्षद शालू सुनील कनौजिया ने साफ चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे में समस्या का निस्तारण नहीं किया गया, तो वह 200 घंटे तक उसी सीवर के पानी में बिस्तर डालकर धरना देंगी। पुलिस और प्रशासन के सामने जनता का यह विरोध अब और तेज़ होता दिख रहा है।
हिंदी हेडलाइन: कानपुर में सीवर जलभराव पर पार्षद का विरोध, बोलीं- 48 घंटे में हल नहीं तो सीवर में धरना
English Headline: Sewer Water Protest in Kanpur: Councillor Warns of 200-Hour Dharna if Issue Not Resolved
Tags: कानपुर, सीवर जलभराव, पार्षद शालू सुनील कनौजिया, जलकल विभाग, मेट्रो निर्माण, धरना, जनता का विरोध
2
कानपुर न्यूज डेस्क: दिल्ली पुलिस के अभियान में 25 बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार
दक्षिण-पूर्व दिल्ली पुलिस की बांग्लादेशी सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इनमें से दो दिल्ली से और बाकी 23 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, ये सभी लोग पिछले करीब आठ साल से बिना किसी वैध दस्तावेज़ के भारत में रह रहे थे और ज्यादातर मजदूरी जैसे छोटे-मोटे काम कर रहे थे।
डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि राजधानी में बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसे देखते हुए उनकी पहचान और प्रत्यर्पण के लिए अभियान चलाया गया। इसके लिए स्थानीय मुखबिरों और खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया और अवैध रूप से घुसने वाले रास्तों की भी पहचान की गई।
जांच के दौरान दिल्ली में पकड़े गए दो बांग्लादेशियों, हसन शेख और अब्दुल शेख, ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे पश्चिम बंगाल सीमा से भारत में दाखिल हुए और उनके कई रिश्तेदार कानपुर देहात में रह रहे हैं। उनकी सूचना के आधार पर पुलिस ने 20 सितंबर की रात छापेमारी कर 23 और लोगों को पकड़ लिया।
फिलहाल सभी गिरफ्तारियों को सराय काले खां स्थित एमसीडी के अस्थायी हिरासत केंद्र में रखा गया है, जहां से इन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्यर्पित किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई राजधानी की सुरक्षा और अवैध घुसपैठ पर नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम है।