कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े मंदिरों को फिर से खोलने के लिए महापौर प्रमिला पांडे ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को वह कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र में स्थित एक मंदिर को फिर से खोलने पहुंची। मंदिर के गेट पर लगे ताले को ईंट से तोड़ने के बाद लोग अंदर जाकर दर्शन करने लगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मंदिर करीब 70 साल बाद खोला गया है, क्योंकि दंगे के दौरान इसे बंद कर दिया गया था।
महापौर प्रमिला पांडे पिछले कुछ दिनों से मुस्लिम इलाकों में बंद पड़े मंदिरों को फिर से खोले जाने के लिए अभियान चला रही हैं। इस दौरान उन्होंने लुधौरा क्षेत्र में स्थित मंदिर का दौरा किया। मंदिर के अंदर कई मूर्तियां खंडित पाई गईं, जिनमें से कई मूर्तियों के सिर गायब थे और अन्य मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं। शिवलिंग की डिजाइन जमीन पर पाई गई, लेकिन शिवलिंग खुद नदारद था।
महापौर ने मंदिर के जीर्णोद्धार का आश्वासन दिया और कहा कि इस मंदिर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा। मंदिर के खुलने के दौरान पुलिस फोर्स भी भारी संख्या में मौजूद थी, क्योंकि यह इलाका मुस्लिम बाहुल्य था और संवेदनशील माना जाता है।
कर्नलगंज क्षेत्र में स्थित इस 125 साल पुराने शिव मंदिर का काफी हिस्सा जर्जर हो चुका है। मंदिर में चारों ओर कूड़ा-कचरा फैला हुआ था, और मंदिर के गुंबद समेत पूरा ढांचा खंडहर में बदल चुका था। इसके अलावा मंदिर के गेट पर मुस्लिम लोगों के पोस्टर भी लगे हुए थे। मंदिर का ताला खोलने से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई, और उन्होंने कहा कि अब यहां रोजाना पूजा-अर्चना की जाएगी।
इससे पहले, महापौर ने शनिवार को बेकनगंज क्षेत्र में बंद पड़े पांच मंदिरों का निरीक्षण कर उन्हें कब्जामुक्त कराया था। इस तरह के प्रयासों से महापौर प्रमिला पांडे ने क्षेत्रीय समाज में धार्मिक सौहार्द और समरसता को बढ़ावा देने का प्रयास किया है।