कानपुर न्यूज डेस्क: सीसामऊ उपचुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। पार्टी ने सुरेश अवस्थी को उम्मीदवार के रूप में चुना है। बीजेपी के लिए यह सीट जीतना एक बड़ी चुनौती बन गई है। दूसरी ओर, सपा ने इस चुनाव में नसीम सोलंकी को उतारा है, जो पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी हैं। इरफान इस समय महाराजगंज जेल में आगजनी और फर्जी यात्रा मामले में बंद हैं। पिछले कई वर्षों से सीसामऊ सीट पर सपा का कब्जा रहा है।
इरफान सोलंकी के पिता, हाजी मुश्ताक सोलंकी, दो बार विधायक रह चुके हैं। इसके बाद, इरफान लगातार चार बार विधायक बनने में सफल रहे हैं। हाल ही में, जीआईसी मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा के दौरान सीसामऊ की जनता को संबोधित किया था।
भाजपा ने वर्ष 2017 में सीसामऊ सीट से चुनाव लड़ चुके सुरेश अवस्थी को फिर से सीसामऊ विधानसभा के उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है। सुरेश अवस्थी की पत्नी का नाम पूनम अवस्थी है, और उनका मुख्य व्यवसायिक स्रोत व्यापार है। उन्होंने एमकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है और छात्र राजनीति में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही है।
यह बताना जरूरी है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी को 73,030 वोट मिले थे, जबकि सुरेश अवस्थी को 67,204 वोट प्राप्त हुए। इस तरह, सुरेश अवस्थी को 5,826 वोटों से इरफान सोलंकी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में सुरेश अवस्थी आर्यनगर से चुनाव लड़े थे, जहां उन्हें 68,973 वोट मिले, जबकि सपा के अमिताभ बाजपेई को 76,897 वोट प्राप्त हुए। इस प्रकार, सुरेश को अमिताभ बाजपेई के हाथों 7,924 वोटों से हार मिली।
सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी का लंबे समय से प्रभुत्व रहा है। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी इस समय महाराजगंज जेल में बंद हैं, और उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को सपा ने इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है। सपा के नियंत्रण वाली इस सीट पर नसीम को हराना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। वर्तमान में भाजपा इस सीट पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि सुरेश अवस्थी और नसीम सोलंकी के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
संघ की तरफ से बैरिस्टर वीरेंद्र जीत सिंह की बहू नीतू सिंह का नाम सामने लाया गया था, जिसके बारे में चर्चा जारी थी। राकेश सोनकर ने तो नामांकन के तीन सेट लिए और मुख्यमंत्री योगी से लखनऊ में मुलाकात करने तक पहुंचे। वहीं, मुकुंद मिश्रा के करीबी संत मिश्रा और उनके साथियों ने नगर निगम जोन एक कार्यालय जाकर नोड्यूज लेने की प्रक्रिया शुरू की।
लेकिन पार्टी ने सुरेश अवस्थी के नाम पर अंतिम निर्णय लेते हुए नीतू सिंह, मुकुंद मिश्रा और राकेश सोनकर की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रत्याशी के नाम की घोषणा के बाद तीनों को गहरी निराशा का सामना करना पड़ा।