कानपुर न्यूज डेस्क: यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है। बुधवार को सपा ने इस सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी, नसीम सोलंकी को प्रत्याशी घोषित किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके नाम पर पहले ही मुहर लगा दी थी। नसीम अब सोलंकी परिवार की राजनीतिक धरोहर को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी निभाएंगी।
सीसामऊ सीट पर उपचुनाव के लिए सपा ने पूर्व विधायक हाजी मुश्ताक सोलंकी की बहू और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना प्रत्याशी चुना है। इरफान सोलंकी सीसामऊ से लगातार तीसरी बार विधायक बने थे, लेकिन जाजमऊ आगजनी मामले में उन्हें 7 साल की सजा मिली, जिससे उनकी विधायकी खत्म हो गई। अब नसीम सोलंकी अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हैं।
नसीम सोलंकी एक गृहिणी हैं, लेकिन उनकी शादी एक राजनीतिक घराने में हुई है। वह कभी भी किसी राजनीतिक इवेंट में नहीं गईं। उनकी जिम्मेदारी बच्चों और घर को संभालने की थी, लेकिन 7 नवंबर 2022 को इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में जेल जाना पड़ा। इसके बाद, नसीम ने परिवार, बच्चों की पढ़ाई, कोर्ट-कचहरी और कानपुर से महराजगंज जेल तक सब कुछ साहस के साथ संभाला।
बीते ढाई साल में सोलंकी परिवार पर बहुत सी मुसीबतें आईं। कुछ समय के लिए ऐसा लगा कि परिवार टूट जाएगा। जब इरफान को सजा सुनाई गई, तो परिवार में दरार आ गई। लेकिन इरफान की पत्नी नसीम ने हिम्मत दिखाई और पूरे परिवार को फिर से एकजुट किया। सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में सोलंकी परिवार सबसे जाने-माने और प्रिय परिवारों में से एक है।
सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाकर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। सीसामऊ सीट पर 45 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जो सपा के साथ खड़े हैं। इरफान की पत्नी को सहानुभूति का फायदा भी मिल सकता है। दूसरी ओर, बीजेपी ने सीसामऊ सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है और इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ा है। पिछले कई दशकों से सीसामऊ में बीजेपी का कमल नहीं खिला है।