कानपुर न्यूज डेस्क: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और डिजिटल लाइफस्टाइल ने लोगों को मैदानों से दूर कर दिया है। मोबाइल और लैपटॉप पर घंटों बिताने से मानसिक तनाव और शारीरिक बीमारियां बढ़ गई हैं। लेकिन अब नए दौर के खेल जैसे बाक्स क्रिकेट और पिकलबाल लोगों को फिर से मैदान की ओर खींच रहे हैं। ये खेल न केवल रोमांचक हैं बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक सेहत दोनों को बेहतर बनाने का आसान जरिया भी बनते जा रहे हैं।
शहर के पाश इलाकों में बाक्स क्रिकेट ने युवाओं को खूब आकर्षित किया है। छुट्टी का दिन हो या देर रात, नेट से घिरे छोटे मैदानों में दूधिया रोशनी के बीच युवा खेल का मज़ा लेते दिखाई देते हैं। यह खेल फुटसल मैदानों में खेला जाता है और चारों ओर नेट होने के कारण सुरक्षित भी माना जाता है। यही वजह है कि लोग अब मोबाइल स्क्रीन से बाहर निकलकर बाक्स क्रिकेट में पसीना बहाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
वहीं, पिकलबाल भी तेजी से युवाओं की पसंद बनता जा रहा है। रबड़ मैट पर खेला जाने वाला यह खेल टेबल टेनिस और लॉन टेनिस का मिश्रण है। छोटे कोर्ट, आसान नियम और तेज रिफ्लेक्स की वजह से लोग इसे बड़े शौक से खेल रहे हैं। इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं आता, उपकरण सस्ते और आसानी से उपलब्ध हैं। ऐसे में लोग दोस्तों के साथ इसे खेलकर फिटनेस और मस्ती दोनों का आनंद ले रहे हैं।
खेल विशेषज्ञों का कहना है कि बाक्स क्रिकेट और पिकलबाल जैसे खेलों ने लोगों को फिर से एक्टिव लाइफ की ओर मोड़ा है। खराब मौसम या समय की पाबंदी भी इनके आड़े नहीं आती, क्योंकि इन्हें किसी भी वक्त खेला जा सकता है। यह नई पीढ़ी को न सिर्फ डिजिटल दुनिया से बाहर निकाल रहे हैं बल्कि तनाव दूर करके सेहत और सामाजिक जुड़ाव दोनों को मजबूत बना रहे हैं।