कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के बड़ा चौराहा पर 20 मई को ई-रिक्शा चलाते पकड़े गए रोहिंग्या मोहम्मद साहिल के परिवार की तीन महिलाओं को गंगाघाट कोतवाली पुलिस ने रविवार को उनके झुग्गी-झोपड़ी से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। अदालत ने तीनों महिलाओं को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार महिलाओं में मोहम्मद साहिल की पत्नी अजीदा, उसकी बहन सिनवारा बेगम (पति जुनैद) और नूरकायदा (पति अनवर) शामिल हैं।
कानपुर के शक्तिनगर (मनोहरनगर) गंगाकटरी इलाके में रोहिंग्या परिवार के करीब दस सदस्य रहते हैं। बीते गुरुवार को इन सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत गंगाघाट कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस परिवार के सदस्य म्यांमार के सिद्दरफारा मोगंडो सिटी जिला बुसीडोंग के रहने वाले बताए जाते हैं।
गंगाघाट के कोतवाल प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि एसपी के आदेश पर जिले में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान और सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत गंगाघाट पुलिस ने शक्तिनगर क्षेत्र में रह रही तीन विदेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया। पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि वे म्यांमार से असम होते हुए कानपुर आई हैं और गंगा किनारे झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रह रही हैं, लेकिन इनके पास भारत में रहने के कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं।
गिरफ्तारी में उपनिरीक्षक मान सिंह, कांस्टेबल रजनीश यादव, निपेन्द्र कुमार, महिला कांस्टेबल ओमलता कुशवाहा और मानसी दक्ष शामिल थीं। महिलाओं के अलावा उनके परिवार में कुल 10 सदस्य हैं, जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस फिलहाल उनके अन्य परिवारजनों की भूमिका और कानूनी स्थिति की जांच कर रही है।