कानपुर न्यूज डेस्क: नवरात्र के छठे दिन महिषासुर मर्दिनी मां कात्यायनी की पूजा का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंगलवार को भक्तों ने देवी मंदिरों में पहुंचकर जयकारे लगाते हुए माता के छठे स्वरूप का पूजन किया, ताकि वे दुर्गुणों और कुसंस्कारों से मुक्ति तथा कल्याण की कामना कर सकें। दिनभर घरों और मंदिरों में "या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यैं नमो नम:" के मंत्रों की गूंज सुनाई देती रही।
शारदीय नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में सुबह से ही माता कात्यायनी की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों के खुलने के साथ ही दर्शन और पूजन का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। अमरौधा ब्लॉक के कथरी गांव के पास कलिंद्री तट पर स्थित मां कात्यायनी देवी के मंदिर में विशेष पूजा के लिए बीहड़ पट्टी के गांवों से श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर की ओर निकल पड़े। जालौन, हमीरपुर, औरैया, इटावा जैसे जनपदों के लोग भी पूजा में शामिल हुए। भक्तों ने मां के दर्शन का इंतजार करते हुए लंबी कतार में खड़ा होकर समय बिताया।
पूजन के पश्चात, श्रद्धालुओं ने अपनी मनौतियां मांगी, और जब मान्यता पूरी हुई, तो उन्होंने मां के चरणों में अर्पित किया। इसी तरह, अकबरपुर के कालिका देवी मंदिर, लम्हरा के परहुल देवी मंदिर, लाला भागत के कौमारी देवी मंदिर, रूरा के दुर्गा मंदिर और हथिका मैथा के सम्मोहनी माता मंदिर में भी पूजन अर्चन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। सुबह से भक्तों की बड़ी भीड़ इन मंदिरों में थी। श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री, नारियल, चुनरी, फल-फूल आदि के साथ विधिपूर्वक पूजन किया। इसके बाद, महिलाओं ने घरों में कन्याओं को बुलाकर उनका पूजन करते हुए उन्हें भोजन कराया।