भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार, केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) ने उन्हें तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह फैसला 30 अप्रैल को एर्नाकुलम में आयोजित एक विशेष आम सभा की बैठक में लिया गया। केसीए का आरोप है कि श्रीसंत ने संजू सैमसन के समर्थन में बयानबाजी की और केसीए के खिलाफ गलत टिप्पणियां कीं। हालांकि, श्रीसंत ने इस फैसले के बाद एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें केसीए से कोई नोटिस नहीं मिला और वे इस निर्णय के बारे में केवल मीडिया से ही जान पाए।
"मैं सिर्फ सैमसन का समर्थन कर रहा था"
एस श्रीसंत ने मीडिया से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका संजू सैमसन के समर्थन में बयान देना ही उनकी समस्या का कारण नहीं था, बल्कि केसीए के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर कार्रवाई की गई। श्रीसंत ने कहा, "मैंने सिर्फ एक राज्य क्रिकेटर का समर्थन किया था, मुझे नहीं पता कि इसके खिलाफ क्यों कार्रवाई की गई। मैंने कभी भी किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास नहीं किया।"
उन्होंने यह भी बताया कि वे केसीए से किसी भी प्रकार का नोटिस प्राप्त नहीं कर पाए हैं। श्रीसंत ने कहा, “मुझे केसीए से कोई नोटिस या आदेश नहीं मिला है। हम इसके बारे में केवल मीडिया से ही सुन पाए हैं। जब हम आधिकारिक नोटिस प्राप्त करेंगे, तब हम आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।”
निलंबन के कारण और श्रीसंत की स्थिति
श्रीसंत ने इस साल की शुरुआत में विजय हजारे ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी टीम से बाहर किए जाने के बाद संजू सैमसन को खुलकर समर्थन दिया था। सैमसन, जो केरल क्रिकेट टीम के कप्तान हैं, के प्रदर्शन और चयन को लेकर केसीए के खिलाफ श्रीसंत ने अपनी आवाज उठाई थी। श्रीसंत ने सैमसन का समर्थन करते हुए यह कहा था कि सैमसन को उचित अवसर मिलने चाहिए थे। श्रीसंत का मानना था कि सैमसन को उनके प्रदर्शन के आधार पर टीम में जगह मिलनी चाहिए, न कि किसी बाहरी दबाव के कारण चयनित किया जाए।
श्रीसंत का कहना था, "मैं सिर्फ सैमसन के करियर के पक्ष में था। मैंने कभी भी केसीए या किसी अन्य संस्था के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियां नहीं कीं, लेकिन अगर वे मुझे बैन करना चाहते हैं, तो मुझे इसकी वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई।"
सैमसन के पिता का बयान और कानूनी कार्रवाई
सिर्फ श्रीसंत ही नहीं, बल्कि सैमसन के पिता सैमसन विश्वनाथ ने भी केसीए के खिलाफ खुलकर आरोप लगाए थे। सैमसन के पिता ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि केसीए ने उनके बेटे के करियर को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने केसीए पर यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे को अनुचित रूप से दरकिनार किया गया और उनके चयन को लेकर कई बार भेदभाव किया गया। इसके बाद सैमसन विश्वनाथ ने कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।
यह सब केसीए और श्रीसंत के बीच बढ़ते विवाद का एक हिस्सा बन चुका है। श्रीसंत का कहना था कि सैमसन को उनका समर्थन देने का उनका उद्देश्य केवल यह था कि एक खिलाड़ी को उसके हक से वंचित नहीं किया जाए। हालांकि, केसीए ने इसे संगठन के खिलाफ बयानबाजी के रूप में लिया।
श्रीसंत का करियर और बैन के बाद की स्थिति
एस श्रीसंत का क्रिकेट करियर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाले इस खिलाड़ी ने 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में दोषी पाए जाने के बाद क्रिकेट से निलंबन का सामना किया था। हालांकि, उनके खिलाफ आरोपों को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया था, और उन्हें पुनः क्रिकेट खेलने का मौका मिला। श्रीसंत ने अपनी आईपीएल में वापसी की थी, लेकिन अब केसीए के इस निलंबन से उनके करियर में एक और रुकावट आ सकती है।
आगे क्या होगा?
हालांकि, श्रीसंत ने अभी तक केसीए से आधिकारिक तौर पर कोई नोटिस न मिलने की बात कही है, लेकिन यदि यह बैन जारी रहता है, तो उनके क्रिकेट करियर पर बड़ा असर पड़ सकता है। अभी तक, श्रीसंत ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपनाने का संकेत दिया है और कहा है कि जब तक उन्हें आधिकारिक नोटिस नहीं मिलता, वह किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकते।
संजू सैमसन का समर्थन करने की वजह से इस विवाद में फंसे श्रीसंत ने अब तक केसीए के खिलाफ अपनी बात रखी है, और उनका कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ हर संभव कदम उठाएंगे, बशर्ते कि उन्हें सही जानकारी मिले।
निष्कर्ष
एस श्रीसंत का मामला एक बार फिर क्रिकेट और उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। जहां एक ओर केसीए ने उन्हें निलंबित किया है, वहीं श्रीसंत अपने पक्ष को लेकर खड़े हैं। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि श्रीसंत इस मामले को कैसे हल करते हैं और क्या वे कानूनी तौर पर अपनी स्थिति को सुलझा पाते हैं।