पुतिन का भारत दौरा, दोस्त के लिए डिनर होस्ट करेंगे पीएम मोदी; क्या होगा एजेंडा?

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Posted On:Thursday, December 4, 2025

नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज (गुरुवार) से शुरू हो रही दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। यह यात्रा 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए हो रही है, जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं, खासकर ऐसे समय में जब रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका भारत पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। राष्ट्रपति पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे। आगमन के बाद, वह सीधे प्रधानमंत्री निवास जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात होगी और उनके सम्मान में रात्रिभोज का भी इंतजाम किया गया है।

एजेंडा-मुक्त अनौपचारिक डिनर

यह रात्रिभोज एक अनौपचारिक मुलाकात होने की उम्मीद है। दोनों नेता द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अन्य सभी प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बगैर किसी एजेंडे के खुलकर बात करेंगे। यह डिनर शिखर सम्मेलन से ठीक पहले दोनों नेताओं को एक सहज और अनौपचारिक माहौल में आपसी समझ और रणनीतिक प्राथमिकताओं पर चर्चा करने का महत्वपूर्ण अवसर देगा।

23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन

रूसी राष्ट्रपति पुतिन शुक्रवार सुबह अपने आधिकारिक कार्यक्रमों की शुरुआत एक औपचारिक स्वागत समारोह के साथ करेंगे। इसके बाद, राष्ट्रीय राजधानी स्थित हैदराबाद हाउस में 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उनके उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई करेंगे। यह शिखर सम्मेलन कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रहेगा, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार संतुलन से लेकर महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति तक शामिल है।

सैन्य आपूर्ति पर भारत का दबाव

शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा लंबित सैन्य हार्डवेयर की शीघ्र आपूर्ति के लिए रूस पर दबाव बनाने की उम्मीद है। यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से कुछ महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्तियों में देरी देखने को मिली है, जिस पर भारत शीघ्र समाधान चाहता है।

  • S-400 वायु रक्षा प्रणाली: शिखर सम्मेलन के दौरान सबसे महत्वपूर्ण चर्चाओं में से एक एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों से संबंधित होगी। भारत ने 2018 में पांच एस-400 इकाइयों के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था। तीन स्क्वाड्रन पहले ही वितरित किए जा चुके हैं, और भारत को अगले साल के मध्य तक शेष दो स्क्वाड्रन मिलने की उम्मीद है।

  • Su-57 लड़ाकू विमान: क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संकेत दिया है कि पांचवीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमानों में भारत की रुचि पर भी चर्चा हो सकती है।

व्यापार और आर्थिक फोकस

दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को संतुलित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रूस की तरफ से कोशिश की जा रही है कि भारतीय कंपनियां, खासकर रिटेल, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की, रूस में प्लांट स्थापित करें। वहीं, भारतीय पक्ष चाहता है कि रूस ज्यादा से ज्यादा उत्पादों और सेवाओं का आयात भारत से करे, ताकि बढ़ते कारोबारी घाटे को कम किया जा सके।

ऊर्जा सुरक्षा और अमेरिकी प्रतिबंध

ऊर्जा सुरक्षा शिखर सम्मेलन में विशेष रूप से चर्चा का विषय रहेगा। रूसी कच्चे तेल के भारतीय आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे कूटनीतिक और आर्थिक दबाव का प्रभाव चर्चा का विशेष विषय हो सकता है। रूस आपूर्ति बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, भले ही अमेरिका के दबाव के कारण भारत की खरीद कुछ समय के लिए कम हुई हो।

रक्षा मंत्रियों की बैठक

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुख्य बैठक के अलावा, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों— राजनाथ सिंह और आंद्रे बेलौसोव— की भी महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस दौरान महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ती और भविष्य की रक्षा साझेदारी को लेकर गहन बातचीत हो सकती है। रूसी राष्ट्रपति की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आए हैं, जैसे कि अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाना। पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संघर्ष के संबंध में नवीनतम अमेरिकी कूटनीतिक पहलों से भी अवगत कराने की उम्मीद है।


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