वक्फ संशोधन कानून से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय, CJI करेंगे बेंच की अध्यक्षता

Photo Source :

Posted On:Thursday, April 10, 2025

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर देश में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ 16 अप्रैल को इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। यह पीठ चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन के नेतृत्व में बैठेगी।

अब तक वक्फ अधिनियम के खिलाफ करीब 10 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि नया संशोधन अधिनियम असंवैधानिक है और इससे संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन होता है। याचिकाओं में कानून को रद्द करने की मांग की गई है। इनमें से अधिकांश याचिकाएं विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और धार्मिक संस्थाओं की ओर से दाखिल की गई हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं को प्राथमिकता देने की मांग करते हुए कहा कि यह मामला बहुत संवेदनशील है और इससे बड़ी संख्या में नागरिक प्रभावित हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं को सूचीबद्ध करते हुए सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय कर दी है।

कौन-कौन पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

वक्फ अधिनियम के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद, AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, राजद के मनोज झा और फैयाज अहमद, तथा आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके अलावा जेडीयू के वरिष्ठ मुस्लिम नेता हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दिकी, जो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने भी इस कानून को चुनौती दी है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसी धार्मिक संस्थाओं ने भी इस कानून को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया है। उनकी ओर से कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए।

केंद्र सरकार ने दाखिल की कैविएट

केंद्र सरकार ने इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता पर कोई भी आदेश पारित करने से पहले सरकार का पक्ष सुना जाए। यह कदम यह संकेत देता है कि केंद्र सरकार इस कानून का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

वक्फ अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाएं और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई आने वाले दिनों में इस विवाद को और बड़ा बना सकती हैं। इस मामले का फैसला ना सिर्फ वक्फ संपत्तियों के प्रशासन पर असर डालेगा बल्कि यह धार्मिक अधिकार और संविधान की व्याख्या से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला बन सकता है।


कानपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Kanpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.