मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, राणा को आज दोपहर बाद तक दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा, जहां से उसे सीधे एनआईए मुख्यालय ले जाया जाएगा। वहां उससे मुंबई हमले से जुड़े अहम सवाल पूछे जाएंगे।
दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा की फ्लाइट दोपहर 3 बजे तक दिल्ली पहुंच सकती है। पालम एयरफोर्स स्टेशन पर दिल्ली पुलिस की चार गाड़ियां, एक एंबुलेंस और जैमर पहले से पहुंच चुके हैं। राणा को उतरते ही एनआईए की हिरासत में लिया जाएगा।
एनआईए हेडक्वार्टर में तैयार हुआ पूछताछ सेल
एनआईए ने राणा से पूछताछ के लिए एक विशेष सेल तैयार किया है। इसमें केवल 12 अफसरों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। इन अधिकारियों में एनआईए के डीजी सदानंद दाते, आईजी आशीष बत्रा और डीआईजी जया रॉय शामिल हैं। पूछताछ के दौरान राणा को 26/11 हमले के वॉयस सैंपल, ईमेल, फोटो और वीडियो दिखाए जाएंगे।
तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी वार्ड में हो सकता है बंद
एनआईए की शुरुआती पूछताछ के बाद तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल की उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, 64 वर्षीय राणा की सुरक्षा को देखते हुए जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था कर ली है। अब अदालत के आदेश के बाद उसे वहां शिफ्ट किया जाएगा।
जेएनयू मेट्रो स्टेशन का गेट बंद, सुरक्षा कड़ी
एनआईए मुख्यालय के सामने स्थित जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 2 सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। इलाके में आम लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट्स, खुफिया एजेंसियों और विशेष कमांडो ने राणा की फ्लाइट पर नज़र रखी हुई है।
भारत-अमेरिका एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई
राणा को भारत लाने की इस प्रक्रिया को भारत और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के संयुक्त समन्वय के तहत अंजाम दिया जा रहा है। चूंकि यह उच्च-स्तरीय प्रत्यर्पण है, इसलिए दोनों देशों की एजेंसियां बेहद गोपनीय तरीके से काम कर रही हैं। फ्लाइट की निगरानी, रूट की गोपनीयता और संभावित खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए राणा को भारत लाने की योजना को बेहद संवेदनशील तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
कौन है तहव्वुर राणा?
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा, अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली का करीबी रहा है। एनआईए की जांच के मुताबिक, राणा ने हेडली को भारत भेजकर ताज होटल समेत कई स्थानों की रेकी करवाई थी। मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।
तहव्वुर राणा की भारत वापसी से 26/11 पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने की उम्मीद फिर से जगी है। अब यह देखना होगा कि भारतीय एजेंसियां इस बार कितनी गहराई से पूछताछ कर पाती हैं और इस हमले के पीछे की और कितनी परतें खुलती हैं।