22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में कई निर्दोष भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस क्रूर हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां और जम्मू-कश्मीर पुलिस अलर्ट मोड पर थीं। आखिरकार, करीब तीन महीने की गहन जांच और खुफिया ऑपरेशनों के बाद भारतीय सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है।
ऑपरेशन महादेव की सफलता
भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान 'ऑपरेशन महादेव' के तहत अब तक कुल तीन आतंकियों को ढेर किया गया है। इन मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर हाशिम मूसा भी शामिल है, जो इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था। हाशिम मूसा के सिर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।
हाशिम मूसा की तलाश काफी समय से जारी थी। सुरक्षाबलों के अनुसार, उसे ट्रैक करने के लिए हाई-एंड सर्विलांस, मोबाइल ट्रैकिंग, और मानवीय खुफिया स्रोतों का सहारा लिया गया। अंततः एक गुप्त सूचना के आधार पर अनंतनाग जिले के पास सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन चलाया, जिसमें मूसा को मार गिराया गया।
कौन था हाशिम मूसा?
हाशिम मूसा न केवल लश्कर-ए-तैयबा का एक खतरनाक आतंकवादी था, बल्कि वह पाकिस्तान की सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा कमांडो भी रह चुका था। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने आधुनिक युद्ध तकनीक और गुप्त मिशनों की ट्रेनिंग पाकिस्तान में हासिल की थी। SSG से मिली ट्रेनिंग के चलते वह हथियारों के साथ-साथ हाथ से लड़ने में भी माहिर था। यही कारण था कि वह भारत में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मूसा कश्मीर के गगनगीर और गंदेरबल में हुए पिछले हमलों में भी शामिल था। हमले के बाद कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था, जिनकी मदद से मूसा तक पहुंचना संभव हो सका।
22 अप्रैल का नृशंस हमला
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था। इस हमले में टारगेट वे पर्यटक थे, जो घूमने के उद्देश्य से कश्मीर आए हुए थे। आतंकी संगठन ने खास तौर पर पुरुषों को निशाना बनाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें कुछ नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे, जो शादी के बाद कश्मीर हनीमून पर आए थे। आतंकियों ने उन्हें बस से उतारकर बेरहमी से गोलियों से भून दिया था।
यह हमला न केवल अमानवीय था बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की एक और काली करतूत के रूप में देखा गया। इसी वजह से इस केस को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर जांच शुरू की गई थी।
भारत की रणनीतिक जीत
हाशिम मूसा और उसके साथियों का मारा जाना न केवल भारतीय सुरक्षा बलों की एक बड़ी कामयाबी है, बल्कि यह पाकिस्तान और उसकी आतंकी नीतियों के लिए भी करारा जवाब है। यह ऑपरेशन साबित करता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाकर कार्रवाई करने को तैयार है।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशन महादेव अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इलाके में अन्य छिपे आतंकियों की भी तलाश की जा रही है और आने वाले समय में और भी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को मार गिराना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे न केवल लोगों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ा है, बल्कि यह संदेश भी गया है कि भारत आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन महादेव जैसे अभियान भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाते हैं।