दिल्ली-NCR में छाई जहरीले स्मॉग की चादर, फरीदाबाद की हवा सबसे बेहतर; आपके इलाके का क्या है हाल?

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Posted On:Thursday, December 4, 2025

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बृहस्पतिवार सुबह कोहरे और स्मॉग की एक घनी परत छाई रही, जिसके कारण वायु गुणवत्ता एक बार फिर गंभीर चिंता का विषय बन गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे, दिल्ली का औसत AQI 300 दर्ज किया गया, जो सीपीसीबी के मानकों के अनुसार 'बहुत खराब' (Very Poor) की कैटेगरी में आता है। इससे पहले, बुधवार को भी 24 घंटे का औसत AQI 342 दर्ज किया गया था, जो लगातार बिगड़ती स्थिति का संकेत देता है।

राजधानी के कई इलाके 'खतरनाक' स्तर पर

राजधानी के कई प्रमुख निगरानी केंद्रों पर हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' से भी ऊपर, यानी 400 की ओर बढ़ती हुई दर्ज की गई है, जो 'गंभीर' (Severe) श्रेणी के करीब है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है।

इलाका AQI श्रेणी (301-400: बहुत खराब)
बवाना 343 बहुत खराब
जहांगीरपुरी 342 बहुत खराब
रोहिणी 343 बहुत खराब
आरकेपुरम 343 बहुत खराब
मुंडका 340 बहुत खराब
चांदनी चौक 331 बहुत खराब
द्वारका 324 बहुत खराब
आनंद विहार 318 बहुत खराब
विवेक विहार 319 बहुत खराब
आईटीओ 304 बहुत खराब
नरेला 302 बहुत खराब

दिल्ली के प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है:

  • अलीपुर: 284 (खराब)

  • दिल्ली एयरपोर्ट (T3): 257 (खराब)

एनसीआर में भी नहीं राहत

दिल्ली से सटे एनसीआर के शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा बना हुआ है। गाजियाबाद के कुछ क्षेत्रों में तो हवा की गुणवत्ता दिल्ली से भी बदतर दर्ज की गई है:

  • गाजियाबाद, वसुंधरा: 355 (बहुत खराब)

  • इंदिरापुरम: 291 (खराब)

  • नोएडा सेक्टर-62: 265 (खराब)

हालांकि, गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है, लेकिन हवा अब भी 'खराब' और 'मध्यम' श्रेणी में है, जो संवेदनशील लोगों के लिए हानिकारक है:

  • गुरुग्राम सेक्टर-51: 210 (खराब)

  • विकास सदन (गुरुग्राम): 239 (खराब)

  • फरीदाबाद सेक्टर-30: 198 (मध्यम)

AQI का स्वास्थ्य पर असर

सीपीसीबी के मानक बताते हैं कि 301 से 400 के बीच AQI होने पर हवा 'बहुत खराब' मानी जाती है। इस स्तर पर लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं और मौजूदा बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। 401 से 500 के बीच AQI को 'गंभीर' माना जाता है, जिसमें स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और यह आपातकालीन स्थिति होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि शांत हवा की गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण जमीन की सतह के पास जमा हो रहे हैं, जिससे स्मॉग की परत घनी हो रही है। इस स्थिति के चलते, निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे सुबह के समय बाहर निकलने से बचें, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों को। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस स्थिति से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा को सांस लेने योग्य बनाया जा सके।


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