'चमक के लिए हमेशा कीमत नहीं चुकानी पड़ती': सेलिब्रिटी मैक्रोबायोटिक कोच ने महंगे मॉइस्चराइज़र से बेहतर बताया घर का बना 'देसी घी' का क्रीम

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Posted On:Monday, November 10, 2025

मुंबई, 10 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर हज़ारों रुपये खर्च करने के बजाय, कई बार हमारी रसोई में ही ऐसे प्राकृतिक नुस्खे मौजूद होते हैं जो त्वचा को बेहतरीन पोषण दे सकते हैं। इसी बात को साबित करते हुए, सेलिब्रिटी मैक्रोबायोटिक कोच डॉ. शिल्पा अरोड़ा ने हाल ही में दावा किया है कि घर पर बना घी का क्रीम बाज़ार में मिलने वाले किसी भी महंगे मॉइस्चराइज़र को टक्कर दे सकता है।

डॉ. अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि उन्होंने एक लग्ज़री कॉस्मेटिक मॉइस्चराइज़र (जैसे कि Lam*r) और आयुर्वेदिक घी क्रीम दोनों का इस्तेमाल करके देखा। उनके अनुसार, परिणाम चौंकाने वाले थे। उन्होंने लिखा, "मैंने दोनों का इस्तेमाल किया—लग्ज़री क्रीम और साधारण आयुर्वेदिक घी क्रीम। और मेरा विश्वास करें, चमक के लिए हमेशा कीमत नहीं चुकानी पड़ती।"

आयुर्वेद का 5000 साल पुराना राज़: 'शतधौत घृत' (Washed Ghee)

डॉ. अरोड़ा जिस चमत्कारी घी क्रीम की बात कर रही हैं, उसे आयुर्वेद में 'शतधौत घृत' या 'धुला हुआ घी' (Washed Ghee) कहा जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक अनादि शर्मा के अनुसार, यह एक प्राचीन सौंदर्य रहस्य है।

क्या है यह? इसे पारंपरिक रूप से तांबे के बर्तन में घी को 100 बार ठंडे पानी से धोकर तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया से घी अपनी चिकनाहट (greasiness) खो देता है और एक शुद्ध, हल्के व्हिप्ड क्रीम जैसी बनावट में बदल जाता है। यह इतना हल्का हो जाता है कि कहा जाता है कि यह त्वचा की सभी सात परतों तक पहुँच सकता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग जलन शांत करने और चेचक जैसे त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता था।

बनाने की विधि: घी को पिघलाकर तांबे के कटोरे में लें। इसमें ठंडा पानी मिलाएं और इसे इलेक्ट्रिक ब्लेंडर या स्पैचुला से तब तक फेंटें जब तक कि पानी अलग न हो जाए। इस प्रक्रिया को 100 बार दोहराया जाता है। अंतिम परिणाम एक सफ़ेद, हल्की और हवादार क्रीम होती है, जिसे एयरटाइट कंटेनर में छह महीने या उससे अधिक समय तक स्टोर किया जा सकता है।

त्वचा विशेषज्ञों की राय और फायदे

त्वचा विशेषज्ञ डॉ. श्वेता नखावा के अनुसार, शुद्ध घी को बाहरी रूप से लगाना बेहद फ़ायदेमंद हो सकता है। यह त्वचा के लिए एक बेहतरीन सुपरफूड है:

गहन हाइड्रेशन: घी आवश्यक फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो त्वचा की नमी को बनाए रखने और त्वचा के बैरियर (Skin Barrier) को मज़बूत करने में मदद करता है।

सेल रिपेयर: इसमें विटामिन A, D और E प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो कोशिकाओं की मरम्मत में सहायता करते हैं।

एंटी-एजिंग: घी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करते हैं, जिससे एजिंग की प्रक्रिया धीमी होती है और त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है।

सूजन शांत करे: यह हल्के संक्रमण या जलन को शांत करने और त्वचा को ठीक करने में मदद करता है।

घी के विशेष उपयोग:

रूखी त्वचा: शरीर पर गुनगुने घी से मालिश करने से त्वचा मुलायम और कोमल बनती है।

फटे होंठ और डार्क सर्कल: रात को होंठों पर घी लगाने से होंठ मुलायम होते हैं। यह डार्क सर्कल्स (काले घेरों) के लिए भी एक सस्ता और प्रभावी अंडर-आई क्रीम का काम करता है।

ज़रूरी चेतावनी

हालांकि घी एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है, त्वचा विशेषज्ञ डॉ. नखावा सभी को सावधानी बरतने की सलाह देती हैं:

ऑयली और मुंहासे वाली त्वचा (Acne-Prone Skin): जिन लोगों की त्वचा तैलीय (Oily), मुंहासे वाली या बहुत संवेदनशील है, उन्हें घी को चेहरे पर लगाने से बचना चाहिए। घी के भारीपन से रोम छिद्र (pores) बंद हो सकते हैं, जिससे मुहांसे हो सकते हैं।

शुद्धता: सुनिश्चित करें कि आप केवल शुद्ध, जैविक या घर का बना घी ही इस्तेमाल करें, जिसमें कोई एडिटिव न हो।

चिकित्सीय उपचार का विकल्प नहीं: घी को एक्जिमा या सोरायसिस जैसी गंभीर त्वचा समस्याओं के लिए चिकित्सीय उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि इसे डॉक्टर की देखरेख में केवल एक सौम्य पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


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