मुंबई, 10 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) अपनी ज़बरदस्त फ़िटनेस और कड़ी डाइट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने हाल ही में अपने एक बेहद पसंदीदा भारतीय स्नैक के बारे में खुलासा किया है, जिस पर वह अपनी ज़िंदगी में कभी समझौता नहीं कर सकतीं। उन्होंने बताया कि यह स्नैक कोई और नहीं बल्कि हर भारतीय का चहेता समोसा है।
समोसे के लिए है खास दीवानगी
'स्ट्री 2' की अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने हाल ही में 'लल्लनटॉप' को दिए एक इंटरव्यू में समोसे के प्रति अपने गहरे प्यार का इज़हार किया। उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा कि समोसा उनके लिए इतनी ज़रूरी चीज़ है कि वह इसके लिए 'लड़' भी सकती हैं।
अपने इस पसंदीदा स्नैक को लेकर बात करते हुए तमन्ना ने कहा, "मैं एक पे नहीं रुक सकती, एक से नहीं होता मुझसे। I can't compromise on these things in my life. I only fight for samosas।"
(उन्होंने कहा कि मैं एक समोसे पर नहीं रुक सकती, एक से मेरा काम नहीं होता। मैं अपनी ज़िंदगी में इन चीज़ों पर समझौता नहीं कर सकती। मैं केवल समोसे के लिए लड़ती हूँ।)
तमन्ना का यह मज़ेदार बयान उन सभी फूड लवर्स से जुड़ता है, जो कड़ी डाइट के बावजूद अपने देसी पसंदीदा स्नैक्स से दूरी नहीं बना पाते हैं।
फ़ारसी मूल का है यह लोकप्रिय स्नैक
समोसा, जिसे दुनिया भर में अपनी कुरकुरी बाहरी परत और मसालेदार भरावन (filling) के लिए पहचाना जाता है, भारतीय फास्ट फूड का एक प्रतिष्ठित हिस्सा है। माना जाता है कि समोसे की उत्पत्ति 9वीं शताब्दी में फ़ारसी (Persia) व्यंजन के रूप में हुई थी, लेकिन समय के साथ यह भारत के गली-नुक्कड़ तक पहुँच गया और यहाँ के जायके में रच-बस गया।
समोसे की ख़ासियत इसकी बहुमुखी प्रतिभा में निहित है—इसे पारंपरिक आलू की भरावन के अलावा पनीर, मटर, या यहाँ तक कि कीमा (नॉन-वेज विकल्प) के साथ भी बनाया जाता है, जिससे यह सभी तरह के खाने के शौकीनों के दिलों में जगह बना लेता है।
जहां तमन्ना भाटिया ने समोसे के लिए अपनी दीवानगी ज़ाहिर की है, वहीं कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे मैदे और डीप फ्राई किए जाने के कारण सेहत के लिए बहुत अच्छा नहीं मानते। हालांकि, स्वास्थ्य कोच भी गेहूं के आटे और चुकंदर (beetroot) जैसी पौष्टिक भरावन का इस्तेमाल करके इसके स्वस्थ विकल्प (healthy alternative) तैयार करने की सलाह देते हैं, जिससे इस लोकप्रिय स्नैक का मज़ा लिया जा सके और स्वास्थ्य से समझौता भी न करना पड़े।