राष्ट्रीय मिति पौष 27, शक संवत 1946, माघ कृष्ण, चतुर्थी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2081। सौर माघ मास प्रविष्टे 04, रज्जब 16, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 17 जनवरी सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतुः। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। चतुर्थी तिथि अगले दिन सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक उपरांत पंचमी तिथि का आरंभ।
श्री सर्वेश्वर पञ्चाङ्गम् !! धर्मो रक्षति रक्षितः
पंचांग- 17.01.2025
युगाब्द - 5125
संवत्सर - कालयुक्त
विक्रम संवत् -2081
शाक:- 1946
ऋतु- शिशिर __ उत्तरायण
मास - माघ _ कृष्ण पक्ष
वार - शुक्रवार
तिथि- चतुर्थी 29:29:31
नक्षत्र मघा 12:43:51
योग सौभाग्य 24:55:35
करण बव 16:42:33
करण बालव 29:29:31
चन्द्र राशि - सिंह
सूर्य राशि - मकर
आज विशेष!! संकष्ट/ तिलकुटा चौथ व्रत
🍁 अग्रिम (आगामी पर्वोत्सव 🍁
🔅 षट्तिला एकादशी व्रत
. 25 जनवरी 2025
(शनिवार)
🔅 प्रदोष व्रत
. 27 जनवरी 2025
(सोमवार)
🔅 मौनी अमावस व्रत
. 29 जनवरी 2025
(बुधवार)
🕉️🚩 यतो धर्मस्ततो जयः🚩🕉️
♦️‼️प्रभु पर विश्वास ‼️♦️
एक आदमी जब भी दफ्तर से वापस आता, तो कुत्ते के प्यारे से पिल्ले रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट देता था। कभी 4 कभी 5 कभी 6 पिल्ले रोज आते और वो रोज उन्हें पारलें बिस्कुट या ब्रेड खिलता था। एक रात जब वो दफ़्तर से वापस आया तो पिल्लों ने उसे घेर लिया लेकिन उसने देखा कि घर मे बिस्कुट ओर ब्रेड दोनो खत्म हो गए है। रात भी काफी हो गई थी, इस वक़्त दुकान का खुला होना भी मुश्किल था, सभी पिल्ले बिसकिट् का इंतज़ार करने लगे। उसने सोचा कोई बात नही कल खिला दूंगा, ओर ये सोचकर उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया,
पिल्ले अभी भी बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। ये देखकर उसका मन विचलित हो गया, तभी उसे याद आया की घर मे मेहमान आये थे, जिनके लिए वो काजू बादाम वाले बिस्किट लाया था। उसने फटाफट डब्बा खोला तो उसमें सिर्फ 7-8 बिसकिट्स थे, उसके मन मे खयाल आया कि इतने से तो कुछ नही होगा, एक का भी पेट नही भरेगा, पर सोचा कि चलो सब को एक एक दे दूंगा, तो ये चले जायेंगे। उन बिस्किट को लेकर जब वो बाहर आया तो देखा कि सारे पिल्ले जा चुके थे, सिर्फ एक पिल्ला उसके इंतज़ार में अभी भी इस विश्वास के साथ बैठा था कि कुछ तो जरूर मिलेगा।
उसे बड़ा आस्चर्य हुआ। उसने वो सारे बिस्किट उस एक पिल्ले के सामने डाल दिये। वो पिल्ला बड़ी खुशी के साथ वो सब बिस्किट खा गया और फिर चला गया। बाद में उस आदमी ने सोचा कि हम मनुष्यों के साथल भी तो यही होता है, जबतक ईश्वर हमे देता रहता है, तब तक हम खुश रहते है उसकी भक्ति करते है उसके फल का इंतज़ार करते है, लेकिन भगवान को जरा सी देर हुई नही की हम उसकी भक्ति पर संदेह करने लगते है,
दूसरी तरफ जो उसपर विश्वास बनाये रखता है,उसे उसके विश्वास से ज्यादा मिलता है। दोस्तों,इसलिये अपने प्रभु पर विश्वास बनाये रखे,अपने विश्वास को किसी भी परिस्थिति में डिगने ना दे, अगर देर हो रही है इसका मतलब है कि प्रभु आपके लिए कुछ अच्छा करने में लगे हुए है..!!
जय जय श्री सीताराम
जय जय श्री ठाकुर जी की
(जानकारी अच्छी लगे तो अपने इष्ट मित्रों को जन हितार्थ अवश्य प्रेषित करें।)
ज्यो.पं.पवन भारद्वाज(मिश्रा) व्याकरणज्योतिषाचार्य
पुजारी -श्री राधा गोपाल मंदिर, (जयपुर)