आज यानी 10 फरवरी से भारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक प्रदेश उत्तर प्रदेश ने लोकतांत्रिक सरकार के गठन के लिए विधानसभा चुनाव शुरू हो गए हैं। बीती 8 जनवरी को भारतीय निर्वाचन आयोग ने यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा की थी, जिसके तहत यूपी में आज यानि 10 फरवरी से प्रांतीय सरकार के गठन हेतु चुनाव शुरू हो गए। जिनकी शुरुआत पश्चिमी यूपी से हुई है, जोकि कुछ राजनीतिक दालों के लिए अच्छी और सकारात्मक शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है व कुछ के लिए खराब शुरुआत के तौर पर।
उत्तर प्रदेश में पिछली बार के चुनावों की तरह ही इस बार भी चुनाव रूपी हवा की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर रखी गयी है। चुनाव रूपी हवा का समापन दिवस होगा 7 मार्च को पूर्वी यूपी में। फिर 10 मार्च को मतगणना समापन के साथ ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसी के बाद उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम रूपी सत्ता के नए मौसम 'गर्मी' का नवगठन भी शुरू हो जाएगा।
जिस तरह मौसम रूपी सत्ता के नवगठन के लिए पछुआ हवा की आवश्यकता होती है, जो हवाएं पश्चिम में स्थित रेगिस्तानों से चलकर समूचे पूर्वी हिस्सों में जाती हैं, जहां ठंडी पड़ रही होती है।
ठीक उसी तरह यूपी की राजनीति में लोकतांत्रिक सरकार के नवगठन के लिए चुनाव रूपी पछुआ हवा की जरूरत है, यानी इतने बड़े प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चुनाव कराने के लिए विभिन्न चरणों मे चुनाव कराने की जरूरत होगी, तभी विधानसभा भवन में बिठाने के लिए प्रत्याशी से बने विधायक, विधायक से मंत्री व मुख्यमंत्री का चुनाव हो सकेगा व इसी के साथ लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो सकेगा।