बार्कलेज प्राइवेट क्लाइंट्स हुरुन इंडिया ने 2025 की मोस्ट वैल्यूएबल फैमिली बिजनेस लिस्ट जारी की है, जिसमें भारत के शीर्ष पारिवारिक कारोबारों की वैल्यूएशन का आकलन किया गया है। इस रिपोर्ट में एक बार फिर अंबानी परिवार ने पहला स्थान हासिल किया है, वहीं गौतम अडाणी को फर्स्ट-जेनरेशन फैमिली बिजनेस की कैटेगरी में पहला स्थान मिला है।
पहले स्थान पर अंबानी परिवार
मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज के व्यापक व्यापारिक साम्राज्य की कुल वैल्यूएशन 28 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जो भारत की कुल GDP के 12वें हिस्से के बराबर है। यह उनके व्यापारिक कौशल और रणनीतिक विस्तार का प्रमाण है कि वो लगातार इस सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं।
बिड़ला परिवार दूसरे स्थान पर
कुमार मंगलम बिड़ला का परिवार इस सूची में 6.5 लाख करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ दूसरे स्थान पर रहा। बीते एक वर्ष में उनकी संपत्ति में 1.1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो लगभग 20% वृद्धि के बराबर है।
तीसरे नंबर पर जिंदल परिवार
जिंदल ग्रुप ने भी इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनकी फैमिली बिजनेस वैल्यूएशन 5.7 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपये की सालाना वृद्धि देखी गई। यह दिखाता है कि भारत के स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उनका प्रभाव लगातार मजबूत हो रहा है।
फर्स्ट-जेनरेशन कैटेगरी में अडाणी का वर्चस्व
गौतम अडाणी के नेतृत्व में अडाणी ग्रुप ने 14 लाख करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ फर्स्ट-जेनरेशन फैमिली बिजनेस की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि अडाणी समूह ने महज कुछ दशकों में यह मुकाम हासिल किया है।
रिपोर्ट की अन्य प्रमुख बातें:
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भारत की टॉप 300 फैमिली बिजनेस की संयुक्त वैल्यूएशन 140 लाख करोड़ रुपये (1.6 ट्रिलियन डॉलर) है।
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यह भारत की GDP का 40% और तुर्की और फिनलैंड की संयुक्त GDP से भी ज्यादा है।
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इस बार की लिस्ट में 100 नए परिवारों को शामिल किया गया है, जिससे कुल संख्या 300 हो गई है।
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बीते साल की तुलना में अंबानी परिवार की संपत्ति में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है।
ट्रेंड्स और निष्कर्ष:
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यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत में पारिवारिक व्यवसाय अब भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
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नई पीढ़ी के उद्यमियों जैसे अडाणी, पारंपरिक दिग्गजों जैसे अंबानी और बिड़ला के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
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एसेट वैल्यूएशन में तेज़ी से हो रही वृद्धि यह संकेत देती है कि भारत में उद्योग और निवेश का भविष्य उज्ज्वल है।
निष्कर्ष:
बार्कलेज-हुरुन की यह रिपोर्ट केवल संपत्ति या वैल्यूएशन का ब्योरा नहीं है, बल्कि यह भारत के उद्यमशीलता की शक्ति, पारिवारिक व्यापार की स्थिरता, और आर्थिक योगदान को भी दर्शाती है। आने वाले वर्षों में इन परिवारों का प्रभाव न केवल भारत की अर्थव्यवस्था पर, बल्कि वैश्विक मंच पर भी और गहरा होता जाएगा।