कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में इन दिनों माहौल थोड़ा अलग ही बना हुआ है, क्योंकि पुलिस घुसपैठियों की पहचान को लेकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है। कई जगहों पर चेकिंग बढ़ा दी गई है और ऐसे इलाकों को खास तौर पर चिन्हित किया गया है, जहां बाहर से आए संदिग्ध लोग रह रहे हैं। पुलिस को शुरुआती जांच में सौ से ज्यादा ऐसे लोग मिले हैं, जिनकी नागरिकता या दस्तावेजों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जाजमऊ, बाबूपुरवा, बेकेनगंज और रेलबाजार जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग रहते हैं, जो खुद को पश्चिम बंगाल का बताते हैं। इनके आधार कार्ड भी वहीं के बने हुए हैं, लेकिन जब एड्रेस वेरिफिकेशन की बारी आती है तो कई बातों में गड़बड़ी नजर आती है। इसी वजह से पुलिस ने चार टीमें लगाई हैं, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर इनके स्थायी पते की पड़ताल कर रही हैं।
जांच में एक और दिलचस्प बात सामने आई कि कई बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जाने पर भी खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं। पिछले कुछ महीनों की जांच में लगभग 1000 ऐसे लोगों की लिस्ट बनी थी, जिनमें लगभग 10% यानी 100 से ज्यादा लोगों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। अब इन संदिग्धों की तस्दीक के लिए पुलिस टीमें असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल भेजी गई हैं, जो घर-घर जाकर फैक्ट चेक कर रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद साफ हो जाएगा कि कौन असली है और कौन फर्जी कागजों के सहारे कानपुर में रह रहा है। अगर किसी का दस्तावेज फर्जी मिला, तो आगे की कार्रवाई उसी हिसाब से की जाएगी—डिटेंशन से लेकर कानूनी कार्रवाई तक। फिलहाल, कानपुर में घुसपैठियों को लेकर जांच तेज है और कई जगहों पर लगातार सर्च-ऑपरेशन चल रहा है।