बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद, महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही लंबी बातचीत अब अपने निर्णायक दौर में पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन अब सिर्फ एक अंतिम फॉर्मूले पर मुहर लगाने से दूर है। माना जा रहा है कि गठबंधन के सामने आए दो प्रस्तावित फॉर्मूलों में से किसी एक पर जल्द ही सहमति बन सकती है, जिसके बाद आधिकारिक ऐलान किया जाएगा। यह मंथन तब हो रहा है जब विपक्षी गठबंधन के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच सीटों की संख्या को लेकर खींचतान जारी है।
सीट बंटवारे के दो संभावित फॉर्मूले
महागठबंधन में 243 सीटों को बांटने के लिए दो प्रमुख प्रस्ताव सामने आए हैं, जो सहयोगी दलों की संख्या को अलग-अलग महत्त्व देते हैं:
दल पहला फॉर्मूला (अधिक RJD) दूसरा फॉर्मूला (अधिक सहयोगी दल)
- RJD 138 सीटें 130 सीटें
- कांग्रेस (Congress) 52 सीटें 55 सीटें
- वाम दल (CPI-ML, CPI, CPM) 35 सीटें 35 सीटें
- VIP (विकासशील इंसान पार्टी) 15 सीटें 20 सीटें
- JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) 2 सीटें 2 सीटें
- इंडिया इन्क्लूसिव पार्टी 1 सीट 1 सीट
पहले फॉर्मूले में RJD को 138 सीटों के साथ सबसे बड़ा हिस्सा मिलता है, जबकि कांग्रेस 52 सीटों पर सहमत होती है। वहीं, दूसरे फॉर्मूले में RJD 8 सीटें कम लेकर 130 पर आती है, जिसका फायदा कांग्रेस (55 सीटें) और VIP (20 सीटें) को मिलता है। आईपी गुप्ता की इंडिया इन्क्लूसिव पार्टी को भी गठबंधन में शामिल करने की तैयारी है, जिसे 1 सीट मिल सकती है।
RJD और कांग्रेस के बीच खींचतान जारी
सीट बंटवारे को लेकर RJD और कांग्रेस के बीच मुख्य खींचतान जारी है। जानकारी के मुताबिक, RJD चाहती है कि 2015 के सीट शेयरिंग फॉर्मूले को आधार बनाया जाए। इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी अपने संगठन विस्तार और पिछले चुनावों में अपने बेहतर प्रदर्शन का हवाला देकर 50 से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पार्टी का वोट शेयर पिछले चुनाव की तुलना में बढ़ा है, इसलिए उन्हें सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए।
वहीं, VIP और JMM जैसे छोटे सहयोगी दल भी अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं। VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने हाल ही में सम्मानजनक सीट की मांग की थी, जिसे दूसरे फॉर्मूले में 20 सीटें देकर पूरा किया जा सकता है। वाम दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे 35 सीटों से कम पर सहमत नहीं होंगे, लेकिन उनका प्राथमिक ध्यान सीटों से ज्यादा विचारधारा पर रहेगा।
महागठबंधन सूत्रों का मानना है कि दोनों फॉर्मूलों में से किसी एक पर जल्द ही मुहर लग जाएगी और सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बन चुकी है। संभावना है कि गठबंधन जल्द ही आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीटों का ऐलान कर देगा, जिसके बाद चुनावी मैदान में वास्तविक लड़ाई शुरू होगी।