कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर देहात में एक पिता-पुत्र के विवाद ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना को जन्म दिया। दुर्गा प्रसाद ने बताया कि कई दिनों से घर में कलह चल रही थी और गुरुवार सुबह अचानक विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में उसने गलत कदम उठा लिया। थाने में वह बार-बार कहता रहा कि उसे अपने किए पर पछतावा हो रहा है और काश वह अपने गुस्से पर काबू पा पाता।
दुर्गा प्रसाद की पहली पत्नी ममता की 25 साल पहले मृत्यु हो गई थी। ममता की एक बेटी गुंजन है, जिसकी शादी दुबियाना शिवराजपुर में हुई है। 2001 में दुर्गा प्रसाद ने दूसरी शादी आशा से की, जिनसे उसका पुत्र आयुष है। पिता ने यह भी कहा कि बेटे को जल्द ही डाक्टर के पास दिखाने जाना था, लेकिन अनहोनी हो गई।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन-चार दिन से घर में लगातार विवाद हो रहा था। गुरुवार को आयुष ने भी गुस्से में ईंट चलाई थी, जिसके बाद 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुलाया गया था। पुलिस ने दोनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन एक दिन बाद ही यह दुखद घटना घटी।
दुर्गा प्रसाद का यह बयान और घटना यह दर्शाती है कि गुस्से पर नियंत्रण न रखने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मामले की जांच पुलिस द्वारा जारी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जा रही है।