इन दिनों सोशल मीडिया पर झूठी खबरों और अफवाहों की भरमार देखी जा रही है। नकली पत्र, पुरानी तस्वीरें, और गलत दावे तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें कई बार पाकिस्तान से चल रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स की भूमिका सामने आई है। भारत सरकार की प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने समय रहते इन झूठी खबरों का पर्दाफाश कर लोगों को सचेत किया है।
फर्जी रक्षा मंत्री का पत्र वायरल, PIB ने किया खंडन
सोशल मीडिया पर एक नकली पत्र तेजी से फैल रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि इसे भारत के रक्षा मंत्री ने लिखा है। PIB ने स्पष्ट किया है कि यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है और इसका मकसद लोगों को गुमराह करना है। यह झूठा पत्र पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा फैलाया जा रहा है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे बिना पुष्टि के ऐसी खबरों पर विश्वास न करें और सोशल मीडिया पर फैलाने से बचें।
पाकिस्तान से फैल रहा दुष्प्रचार
PIB ने बताया कि पाकिस्तान की यह कोशिश भारत के लोगों को भ्रमित करने और देश की सुरक्षा को कमजोर दिखाने की साजिश है। उन्होंने सभी नागरिकों से कहा है कि वे केवल सरकारी और आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें और किसी भी अनजान या संदिग्ध खबर को शेयर करने से बचें।
राफेल पायलट की मौत से जुड़ी झूठी तस्वीर का खुलासा
हाल ही में भारतीय वायुसेना के एक राफेल पायलट की मौत को लेकर वायरल हुई एक पुरानी तस्वीर भी पूरी तरह फर्जी निकली है। सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि यह तस्वीर 7 मई 2025 को हुए अंतिम संस्कार की है, जबकि PIB ने बताया कि यह फोटो असल में साल 2008 की है। यह तस्वीर गुजरात के बामरौली में 15 स्कूली बच्चियों के एक साथ अंतिम संस्कार की थी, जिसे CNN की रिपोर्ट में प्रदूषण के संदर्भ में दिखाया गया था।
PIB की चेतावनी
PIB ने लोगों से आग्रह किया है कि वे ऐसी पुरानी और झूठी तस्वीरों को वर्तमान घटनाओं से जोड़कर न फैलाएं, क्योंकि इससे भ्रम और डर की स्थिति बनती है। देश की सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी है कि सभी नागरिक सोशल मीडिया पर आई किसी भी खबर की सच्चाई जांचकर ही उसे आगे बढ़ाएं।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें न सिर्फ लोगों को गुमराह करती हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती हैं। इसलिए हर नागरिक को सतर्क रहना चाहिए और केवल आधिकारिक चैनलों से ही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।