वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख बीत चुकी है, और इस बार रिकॉर्ड संख्या में टैक्सपेयर्स ने ऑनलाइन रिटर्न दाखिल किए हैं। लेकिन केवल समय पर रिटर्न फाइल करना ही काफी नहीं है। अगर आपने रिटर्न भरते वक्त कोई गलती की है या जरूरी जानकारियां छुपाई हैं, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। पिछले कुछ महीनों में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ी है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई तक लगभग 1.65 लाख मामलों को सेक्शन 143(2) के तहत जांच के लिए चुना गया था। आइए जानते हैं कौन-कौन सी आम गलतियां कर के आपको नोटिस मिल सकता है।
1. बड़े लेन-देन को छिपाना
अगर आपने साल भर में बड़े वित्तीय लेन-देन किए हैं, जैसे कि कैश ट्रांजेक्शन, क्रेडिट कार्ड खर्च, म्यूचुअल फंड निवेश या बड़ी संपत्ति की खरीद, लेकिन इन्हें आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया, तो विभाग आपकी जानकारी Annual Information Statement (AIS) के जरिए मैच कर सकता है और कार्रवाई कर सकता है। उदाहरण के लिए:
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10 लाख रुपये से अधिक कैश ट्रांजेक्शन
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2 लाख रुपये से ज्यादा क्रेडिट कार्ड खर्च
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म्यूचुअल फंड में 2 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश
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5 लाख रुपये से अधिक के बॉन्ड या 30 लाख रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीद
2. नौकरी बदलने पर गलतियां
यदि आपने वित्तीय वर्ष के दौरान नौकरी बदली है, तो दोनों नियोक्ताओं से प्राप्त फॉर्म 16 को सही तरीके से जोड़ना जरूरी है। कई बार जॉब बदलने के कारण आय में असंगतियां आ जाती हैं, जिससे रिटर्न फाइलिंग में गलती हो सकती है। छोटी सी चूक भी आपका मामला जांच के लिए चुनवा सकती है।
3. गलत ITR फॉर्म का चयन
आयकर रिटर्न फॉर्म के सही चुनाव में गलती भी भारी पड़ सकती है। गलत फॉर्म भरने पर विभाग आपकी आय की घोषणा अधूरी या गलत मान सकता है, जिससे पेनल्टी लग सकती है।
4. ब्याज आय को सही दिखाना जरूरी
अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से मिलने वाले ब्याज को टैक्स-फ्री आय के रूप में छुपाया है, तो आयकर विभाग इसे अघोषित आय मान सकता है। इसलिए ब्याज आय को सही ढंग से रिटर्न में दिखाना आवश्यक है।
5. टैक्स छूट के लिए जरूरी दस्तावेज़ न देना
सेक्शन 80C, 80D, HRA जैसी टैक्स छूट के लिए प्रमाणित दस्तावेज जमा न करना गंभीर उल्लंघन माना जाता है। ऐसा होने पर विभाग आपके खिलाफ पेनल्टी लगा सकता है, जो काफी भारी हो सकती है।
6. आय में अप्रत्याशित गिरावट
अगर आपकी आय पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम दिख रही है, तो विभाग स्पष्टीकरण मांग सकता है। आपको नौकरी छूटने या आय घटने का प्रमाण देना पड़ सकता है। बिना उचित कारण के आय में भारी गिरावट संदिग्ध मानी जाती है।
अतिरिक्त चेतावनी
अगर ITR में घोषित आय और फॉर्म 26AS या AIS में दिख रही TDS डिटेल्स में अंतर पाया जाता है, तो भी नोटिस मिल सकता है। साथ ही, अगर जांच में कोई एंट्री छिपाने या फर्जी दस्तावेज पाए जाते हैं, तो सेक्शन 271AAD के तहत भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष
आयकर रिटर्न समय पर भरना ज़रूरी तो है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है कि आप सही और पूरी जानकारी भरें। किसी भी तरह की गड़बड़ी या गलत जानकारी से बचें, क्योंकि इससे विभाग की जांच पड़ताल बढ़ सकती है और नोटिस मिलने का खतरा रहता है। इसलिए हमेशा पूरी सावधानी बरतें, सही डॉक्यूमेंट्स रखें और आयकर विभाग द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करें। इससे न सिर्फ आप अनावश्यक परेशानियों से बचेंगे, बल्कि टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया भी सरल और सुरक्षित होगी।