Nobel Prize 2025: सुसुमु, रिचर्ड और एम याघी को मिला केमिस्ट्री में नोबेल प्राइज, क्या है वो खोज जिसने दिलाया सम्मान?

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Posted On:Wednesday, October 8, 2025

इस वर्ष रसायन विज्ञान (Chemistry) का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार तीन प्रमुख वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया है। 8 अक्टूबर 2025 को की गई घोषणा के अनुसार, यह पुरस्कार जापान के सुसुमु कितागावा, अमेरिका के रिचर्ड रॉबसन और अमेरिका के उमर एम यागी को मेटल-कार्बनिक फ्रेमवर्क (Metal Organic Frameworks - MOFs) के विकास के लिए प्रदान किया गया है।

मेटल-कार्बनिक फ्रेमवर्क (MOFs) क्या है?

इन तीनों वैज्ञानिकों ने जिस MOF तकनीक के लिए योगदान दिया है, वह आधुनिक रसायन विज्ञान में एक क्रांतिकारी खोज है।

  • MOF एक विशेष प्रकार का ढांचा है जो धातु (Metal) और कार्बनिक तत्वों (Organic Ligands) से मिलकर बनता है।

  • इन ढाँचों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें बहुत सारे सूक्ष्म छिद्र होते हैं। इन छिद्रों के कारण MOFs को अत्यधिक सरंध्र (Porous) सामग्री माना जाता है।

MOFs के अनुप्रयोग अविश्वसनीय रूप से विविध और महत्वपूर्ण हैं। इनका इस्तेमाल:

  1. रासायनिक प्रक्रियाओं में मदद करने के लिए उत्प्रेरक (Catalyst) के रूप में होता है।

  2. गैसों को जोड़ने और सहेजने (Gas Storage) के लिए, खासकर हाइड्रोजन या मीथेन जैसे ईंधन के भंडारण में।

  3. कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में से हटाने (Carbon Capture) और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए होता है।

  4. गैसों को छानने (Separation) और शुद्धिकरण में होता है।

यह तकनीक ऊर्जा भंडारण से लेकर पर्यावरण संरक्षण तक, कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता रखती है।

नोबेल पुरस्कार और सम्मान राशि

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार हर साल रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा उन वैज्ञानिकों को दिया जाता है, जिन्होंने इस क्षेत्र में असाधारण और क्रांतिकारी खोजें की होती हैं।

  • इस वर्ष के विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 12 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाएगी, जिसे तीनों वैज्ञानिकों के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा।

  • यह पुरस्कार न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि की सर्वोच्च मान्यता है, बल्कि यह विश्व स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत भी बनता है।

इतिहास पर एक नजर: साल 1901 और 2024 के बीच, रसायन विज्ञान के लिए 116 नोबेल पुरस्कार 195 वैज्ञानिकों को दिए जा चुके हैं। पिछले साल (2024 में) यह प्रतिष्ठित पुरस्कार सिएटल की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के बायोकेमिस्ट डेविड बेकर और गूगल डीपमाइंड के कंप्यूटर साइंटिस्टों डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर को प्रदान किया गया था।


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