🇵🇰 पाकिस्तान में अफगानों पर सख्ती: अब तक 8,000 से अधिक शरणार्थियों को निकाला गया, बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया
📍 स्थान: पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर (तोरखम)
📅 समयसीमा: 1 अप्रैल 2025 से अब तक
🚨 निष्कासन का आधार: अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिक
🔴 क्या हुआ?
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1 अप्रैल से लेकर अब तक पाकिस्तान ने 8,115 अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान वापस भेज दिया है।
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ये निष्कासन अभियान पाकिस्तान सरकार द्वारा दिए गए 31 मार्च की समयसीमा के बाद शुरू किया गया।
📍 मुख्य केंद्र बना पंजाब प्रांत
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पंजाब में सबसे अधिक सख्ती देखी जा रही है।
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यहां से रोजाना सैकड़ों की संख्या में अफगान नागरिकों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट कैंपों में भेजा जा रहा है।
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ट्रांजिट कैंप में पूछताछ और दस्तावेज जांच के बाद उन्हें बॉर्डर से निकाल दिया जाता है।
👨👩👧👦 महिलाएं और बच्चे भी शामिल
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इस अभियान में महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।
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अब तक पंजाब में 5,000 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
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अनुमान है कि एक लाख अफगानी नागरिक अभी भी अवैध रूप से पाकिस्तान में रह रहे हैं।
🌍 सिंध से भी रिपोर्ट्स
📉 मानवाधिकार संगठनों की चिंता
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार समूह इस कार्रवाई को "अमानवीय" और "असहज करने वाला कदम" बता रहे हैं।
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विशेषकर उन अफगान नागरिकों के लिए जो दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं, यह वापसी जबरन विस्थापन के समान है।
⚖️ कूटनीतिक असर
🧭 निष्कर्ष
पाकिस्तान का यह कदम जहां सुरक्षा और आव्रजन नियंत्रण के नजरिए से उठाया गया है, वहीं यह मानवीय संकट का रूप भी ले रहा है। जबरन निष्कासन, परिवारों का बिछड़ना, और सुरक्षित भविष्य की अनिश्चितता जैसे मुद्दे सामने हैं।