कानपुर न्यूज डेस्क: यह रहा आपका कंटेंट आपके तय फॉर्मेट में — 4 पैराग्राफ, ‘हम बात करते हैं’ वाली टोन, सरल शब्दों में, बिना लाइनें बढ़ाए या घटाए, एकदम अलग अंदाज़ में लिखा हुआ:
जूही यार्ड के पास सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां प्री-बोर्ड परीक्षा के तनाव में इंटर के छात्र ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। घरवाले उसे खोजते हुए मौके पर पहुंचे तो जीआरपी ने हादसे की जानकारी दी। अपने इकलौते बेटे का शव देखकर परिवार टूट गया। रौनक पढ़ाई में बेहद तेज था, हाईस्कूल में उसने 97.4 प्रतिशत अंक लाकर सिटी टॉपर बना था, जिसके बाद स्कूल ने उसकी फीस भी माफ कर दी थी।
साकेत नगर में रहने वाले प्राइवेट कर्मचारी आलोक पाठक अपने 18 साल के बेटे रौनक पर गर्व करते थे। सोमवार सुबह करीब सवा छह बजे रौनक बिना किसी को बताए बाइक लेकर घर से निकल गया। जागने पर जब पिता ने बाइक और हेलमेट गायब देखा तो वे चिंतित हो गए। पहले उन्होंने आसपास के लोगों से पूछा, फिर दोस्त शिवम के घर भी गए, लेकिन वहां से भी रौनक का कोई सुराग नहीं मिला।
इसके बाद पति-पत्नी दोनों पड़ोसी की बाइक लेकर तलाश में निकले और गोविंदपुरी स्टेशन के पास उन्हें रौनक की बाइक दिख गई। जब वे पैदल ट्रैक के किनारे जूही यार्ड पहुंचे तो जीआरपी ने बताया कि एक युवक ट्रेन से कट गया है। पहचान करने पहुंचे स्वजन अपने बेटे को देख फूट-फूटकर रोने लगे। पिता ने बताया कि रौनक पढ़ाई में हमेशा आगे रहा, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। आशंका यही है कि प्री-बोर्ड की शुरू हुई परीक्षा का दबाव उस पर भारी पड़ गया।
रौनक की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। पिता बार-बार यही कहते रहे कि उन्होंने कभी बेटे पर पढ़ाई का दबाव नहीं डाला, हमेशा उसे समझाया कि बेफिक्र रहकर पढ़ाई करो, बाकी सब मैं संभाल लूंगा। पोस्टमार्टम के दौरान साथियों और रिश्तेदारों ने उन्हें किसी तरह संभाला। इस घटना के बाद फिर एक बार यह बात सामने आती है कि बच्चों के लिए सिर्फ नंबर नहीं, उनका मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास कहीं ज्यादा जरूरी है।