कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहने पर दो चिकित्सा शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर हुई, जिन्होंने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में डॉ. वैभव श्रीवास्तव, जो मार्च 2014 में प्रवक्ता नियुक्त हुए थे, और डॉ. सौरभ दुबे, जो नवंबर 2023 से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे, शामिल हैं।
इसके अलावा, न्यूरोसर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. राघवेंद्र गुप्ता पर कानपुर और फतेहपुर में निजी प्रैक्टिस करने का आरोप लगा था, जिसके चलते पिछले महीने उनका स्थानांतरण झांसी कर दिया गया। उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, और इस मामले की जांच के लिए कानपुर मंडल के कमिश्नर को अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, शिवराजपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुमार सौरभ गौड़ और डॉ. नायला आफसीन के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बीच, श्रावस्ती में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय आनंद को अब राजकीय मेडिकल कॉलेज, अंबेडकर नगर में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं, डॉ. उत्कर्ष कुमार श्रीवास्तव, जो पहले से ही राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में प्रतिनियुक्ति पर थे, उनकी सेवा अवधि को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार का यह कदम मेडिकल संस्थानों में अनुशासन बनाए रखने और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है।