अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 जून, शुक्रवार को कनाडा के डिजिटल सर्विस टैक्स (DST) को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कनाडा के साथ चल रही सभी व्यापार वार्ताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया। ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी तकनीकी कंपनियों पर लागू होने वाले इस डिजिटल सेवा कर के कारण आया है, जिससे गूगल, एप्पल जैसी बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियां खासतौर पर प्रभावित होंगी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर बताया कि वे ओटावा के साथ चल रहे सभी व्यापारिक लेनदेन को रोक रहे हैं और इसी सप्ताह नए टैरिफ यानी आयात शुल्क की घोषणा भी की जाएगी।
कनाडा का डिजिटल सेवा कर (DST) क्या है?
कनाडा का डिजिटल सेवा कर अधिनियम 20 जून, 2024 को शाही स्वीकृति प्राप्त कर 28 जून, 2024 से लागू हुआ। इस टैक्स के तहत उन डिजिटल सेवाओं से होने वाली कमाई पर 3 प्रतिशत कर लगाया जाएगा, जो कनाडाई यूजर्स को प्रदान की जाती हैं। यह टैक्स उन कंपनियों को लक्षित करता है जिनका वैश्विक राजस्व €750 मिलियन (~US$801 मिलियन) से अधिक हो और जिनकी कनाडा में डिजिटल सेवा से कमाई C$20 मिलियन (~US$14.8 मिलियन) से ऊपर हो।
डिजिटल सेवा टैक्स का मकसद उन वैश्विक डिजिटल कंपनियों पर कर लगाना है, जो कनाडाई ग्राहकों से सीधे कमाई कर रही हैं, लेकिन जो अभी तक कनाडा में अपनी उचित कर देनदारी नहीं निभाती थीं। इस कर का प्रभाव विशेषकर ऑनलाइन विज्ञापन, डेटा लाइसेंसिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, और डिजिटल मार्केटप्लेस पर पड़ता है।
अमेरिकी तकनीकी कंपनियों पर प्रभाव
कनाडा के इस टैक्स का सबसे ज्यादा असर अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों पर होगा। गूगल इस कर से सबसे अधिक प्रभावित होगा क्योंकि यह कनाडा में व्यापक ऑनलाइन विज्ञापन राजस्व कमाता है। इसके अलावा, एप्पल की डिजिटल सर्विसेज—जैसे ऐप स्टोर, आईक्लाउड, एप्पल म्यूजिक—भी इस टैक्स के दायरे में आती हैं क्योंकि ये सेवाएं डेटा लाइसेंसिंग के माध्यम से कनाडा में राजस्व उत्पन्न करती हैं।
अमेजन और मेटा पर भी पड़ेगा असर
डिजिटल सेवा कर अमेजन को भी प्रभावित करेगा, जो कनाडा में ऑनलाइन मार्केटप्लेस सेवा के साथ-साथ क्लाउड कंप्यूटिंग (AWS) के जरिए भी अच्छा मुनाफा कमाता है। अमेजन के मार्केट सेल और यूजर्स के डेटा पर यह टैक्स लागू होगा।
मेटा कंपनी, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया सर्विसेज चलाती है, भी इस टैक्स के तहत आएगी। मेटा कनाडाई यूजर एंगेजमेंट और टारगेटेड विज्ञापन से अच्छा-खासा राजस्व कमाती है, जिस पर डिजिटल सेवा कर लागू होगा।
ट्रंप का रुख और व्यापारिक प्रभाव
ट्रंप ने कनाडा के इस कदम को अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ अनुचित कर नीति बताया है। उन्होंने कहा कि यह टैक्स अमेरिकी व्यवसायों के लिए नाइंसाफी है और इससे अमेरिका- कनाडा के व्यापारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसीलिए उन्होंने कनाडा के साथ चल रही सभी व्यापार वार्ताओं को रोकने का निर्देश दिया है।
यह कदम न केवल कनाडा के साथ द्विपक्षीय व्यापार को प्रभावित करेगा, बल्कि अमेरिका और अन्य देशों के बीच चल रही तकनीकी और डिजिटल सेवा आधारित कर नीतियों पर भी सवाल खड़ा करेगा। अमेरिका इस मामले में अन्य देशों के डिजिटल सेवा करों के खिलाफ भी विरोध दर्ज करा रहा है और ट्रेड वार्ता में कठोर रुख अपना रहा है।
डिजिटल सेवा कर के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक प्रतिस्पर्धा
डिजिटल सेवा कर का उद्देश्य वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में कर निष्पक्षता लाना है। कई देशों ने अपनी डिजिटल सेवा कर नीतियां बनानी शुरू कर दी हैं ताकि बड़े तकनीकी निगमों को अपने बाजारों में उचित कर देना पड़े। हालांकि, अमेरिका इस दिशा में अपनी कंपनियों के हितों की सुरक्षा चाहता है और इसे एक व्यापार बाधा मानता है।
अमेरिकी तकनीकी कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में यह टैक्स उनकी लाभप्रदता को कम कर सकता है, जिससे वे वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ कमजोर महसूस कर सकती हैं। इसी वजह से अमेरिका और उसके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं ने इस नीति का विरोध किया है।
आगे का रास्ता
कनाडा के डिजिटल सेवा टैक्स पर अमेरिका के कड़े रुख से स्पष्ट है कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव जारी रहेगा। आने वाले समय में संभव है कि अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार वार्ताएं और भी जटिल हो जाएं। इसके साथ ही अमेरिका अन्य देशों के डिजिटल टैक्स नियमों का भी सामना कर सकता है।
दोनों देशों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे मिलकर डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए ऐसी कर नीतियां बनाएं, जो व्यापार के विकास में बाधा न डालें और तकनीकी कंपनियों के लिए साफ-सुथरे नियम स्थापित करें। तभी वैश्विक बाजार में डिजिटल व्यापार का सही विकास संभव होगा।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के कनाडा के साथ व्यापार वार्ता निलंबित करने के फैसले ने डिजिटल सेवा कर को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा मुद्दा पैदा कर दिया है। यह फैसला न केवल अमेरिका-कनाडा व्यापार को प्रभावित करेगा बल्कि वैश्विक तकनीकी कंपनियों और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। अब देखने वाली बात यह है कि दोनों देश इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं और आगे व्यापारिक रिश्तों को कैसे आगे बढ़ाते हैं।