भारत के भूगर्भीय क्षेत्र एक बार फिर भूकंप की दहशत से कांप उठे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 29 जुलाई की मध्यरात्रि को बंगाल की खाड़ी में 6.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास समुद्र में आया, जिसका केंद्र धरती के भीतर करीब 10 किलोमीटर की गहराई पर था। राहत की बात यह रही कि इस भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है और न ही सुनामी की कोई चेतावनी जारी की गई।
भूकंप की मुख्य जानकारी:
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भूकंप की तीव्रता: 6.3
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समय: 29 जुलाई 2025, रात 12:11:50 IST
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स्थान: बंगाल की खाड़ी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पास
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गहराई: 10 किलोमीटर
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लैटीट्यूड और लॉन्गिट्यूड: 6.82°N, 93.37°E
NCS और जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) दोनों ने इसकी पुष्टि की है। इस क्षेत्र में अक्सर हल्के या मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं, लेकिन 6.3 की तीव्रता को खतरनाक माना जा सकता है, खासकर अगर यह आबादी वाले इलाके में होता।
अन्य वैश्विक भूकंप भी दर्ज
बंगाल की खाड़ी में भूकंप से कुछ ही घंटे पहले, दुनिया के अन्य हिस्सों में भी धरती हिली:
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मैक्वेरी द्वीप क्षेत्र (ऑस्ट्रेलिया के पास):
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निकारागुआ के तट के पास:
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रूस का कामचात्का प्रायद्वीप:
इन भूकंपों से कोई गंभीर क्षति की सूचना नहीं मिली, लेकिन वैश्विक रूप से इतनी बड़ी संख्या में और तीव्रता के भूकंप एक चिंता का विषय बन रहे हैं।
भारत में जुलाई 2025 में अब तक तीन भूकंप
इस महीने भारत में यह तीसरी बार है जब धरती हिली है:
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10 और 11 जुलाई – दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके
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11 जुलाई – झज्जर, हरियाणा
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22 जुलाई – फरीदाबाद, हरियाणा
क्या बढ़ रही है धरती के भीतर हलचल?
वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लेट टेक्टोनिक्स यानी धरती की सतही प्लेटों की हरकतें लगातार जारी रहती हैं, जिससे भूकंप जैसे घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि, जब एक ही महीने में एक ही क्षेत्र या देश में बार-बार भूकंप आएं, तो यह संकेत हो सकता है कि कोई बड़ी भूगर्भीय हलचल बन रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी और अंडमान क्षेत्र 'Subduction Zone' यानी प्लेटों के टकराने वाले क्षेत्र में आता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के लिए संवेदनशील बनाता है।
भूकंप से बचाव के सुझाव:
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भूकंप के समय घबराएं नहीं।
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मजबूत मेज या किसी मजबूत सतह के नीचे बैठें।
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खुले स्थान की ओर जाने का प्रयास करें, लेकिन लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
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घर में अलमारी, टीवी, भारी वस्तुएं दीवार से अच्छी तरह से फिक्स रखें।
सारांश:
बंगाल की खाड़ी में आए इस 6.3 तीव्रता के भूकंप ने फिर से यह एहसास दिलाया है कि भूकंप से जुड़ी चेतावनियों और सुरक्षा उपायों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। भारत के भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार हलचल दर्ज हो रही है, जो आगे किसी बड़ी आपदा का संकेत भी हो सकता है।