'आखिरकार उन्होंने मान ही लिया कि वह गलत थे', डोनल्ड ट्रंप ने बिल गेट्स को लेकर क्यों कही ये बात?

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Posted On:Thursday, October 30, 2025

अमेरिकी राजनीति और विज्ञान के बीच जलवायु परिवर्तन को लेकर चल रही लंबी बहस ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अरबपति उद्योगपति और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के हालिया बयान का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि उन्होंने "जलवायु परिवर्तन धोखे के खिलाफ जंग जीत ली है।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिल गेट्स ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ग्लोबल वार्मिंग से "सभ्यता खत्म नहीं होगी", बल्कि यह एक बड़ा बदलाव होगा।

ट्रंप का 'ट्रुथ सोशल' पर दावा

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में लिखा, "मैंने (हमने!) जलवायु परिवर्तन धोखे के खिलाफ जंग जीत ली है। बिल गेट्स ने आखिरकार मान ही लिया कि वो इस मुद्दे पर पूरी तरह से गलत थे। ऐसा करने के लिए हिम्मत चाहिए थी और इसके लिए हम सभी शुक्रगुजार हैं।" ट्रंप लंबे समय से जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक निष्कर्षों पर संदेह व्यक्त करते रहे हैं और इसे एक "धोखा" करार देते रहे हैं। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) में अपने भाषण के दौरान भी उन्होंने क्लाइमेट चेंज को "अब तक का सबसे बड़ा धोखा" बताया था। सत्ता में रहने के दौरान, रिपब्लिकन नेता ट्रंप ने कई ग्रीन पॉलिसी को वापस ले लिया था और उन्हें 2024 में तेल कंपनियों से करोड़ों डॉलर का डोनेशन भी मिला था। ट्रंप के इस दावे से एक बार फिर से जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को लेकर राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ गया है।

बिल गेट्स ने वास्तव में क्या कहा?

बिल गेट्स ने, जो कई वर्षों से जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा में भारी निवेश कर चुके हैं, ने अपने हालिया बयान में एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा था कि जलवायु परिवर्तन से "इंसानियत खत्म नहीं होगी"। गेट्स ने इसे एक "बड़ा बदलाव" माना और कहा कि क्लाइमेट चेंज के गंभीर नतीजे तो होंगे, लेकिन आने वाले समय में लोग धरती पर "ज्यादातर जगहों पर रह सकेंगे और कामयाब भी हो सकेंगे।" गेट्स ने तर्क दिया कि दुनिया भर में फैली बीमारियों और गरीबी से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने से दुनिया के सबसे गरीब लोगों को गर्म होती दुनिया के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके आलोचक उनके बड़े कार्बन फुटप्रिंट की वजह से उन पर दोगलापन का आरोप लगा सकते हैं। साथ ही, आलोचक यह भी तर्क दे सकते हैं कि उनका यह बयान "यह कहने का एक चालाक तरीका था कि हमें क्लाइमेट चेंज को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।" गेट्स ने इन संभावित आलोचनाओं को मानते हुए भी जलवायु परिवर्तन को एक 'बड़ा बदलाव' बताया, न कि 'सभ्यता का अंत'।

राजनीतिक खींचतान और विज्ञान की अनदेखी

ट्रंप का यह दावा बिल गेट्स के बयान के संदर्भ को दरकिनार करता हुआ प्रतीत होता है। गेट्स ने जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को खारिज नहीं किया, बल्कि इसके अंतिम विनाशकारी परिणाम के अतिरंजित दावों को संतुलित करने की कोशिश की। ट्रंप द्वारा इस बयान को 'अपनी जीत' के रूप में पेश करना दर्शाता है कि वह इस मुद्दे को वैज्ञानिक वास्तविकता के बजाय एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। उनकी राजनीति लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को आर्थिक विकास के लिए बाधा के रूप में देखती रही है। यह घटनाक्रम अमेरिका में आगामी चुनावों से पहले एक बार फिर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को राजनीति के केंद्र में ला खड़ा करता है।


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