अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में गाजा में दो साल से चले आ रहे विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है। इजरायल और हमास ने ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना पर सहमति व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप युद्धविराम समझौता लागू हुआ है। इस समझौते का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इजरायली बंधकों की रिहाई है।
इस समझौते के तहत हमास ने इजरायली बंधकों को रिहा करना शुरू कर दिया है। सोमवार को हमास द्वारा जारी 20 बंधकों की सूची में से पहले सात बंधकों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें रेड क्रॉस को सौंप दिया गया है। जल्द ही शेष 13 बंधकों को भी रिहा किए जाने की संभावना है। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी मध्य पूर्व यात्रा के तहत इजरायल पहुँचे हैं।
ट्रंप का विमान 'एयर फ़ोर्स वन' तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे पर उतरा। इजरायल के लिए रवाना होने से पहले, ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया था कि हमास और इजरायल के बीच अब युद्ध समाप्त हो चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह युद्धविराम भविष्य में भी कायम रहेगा, जो स्थायी शांति की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में सैकड़ों की संख्या में लोग बंधकों की रिहाई पर खुशी व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए। इस बीच, इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि उन्हें गाजा से रेड क्रॉस द्वारा सुरक्षित बाहर निकाले गए 20 जीवित बंधकों में से पहले सात बंधक मिल गए हैं। रिहा किए गए एक बंधक, निम्रोद कोहेन की मां ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूँ। मैं खुशी से भरी हूँ। यह कल्पना करना मुश्किल है कि मैं इस पल को कैसा महसूस कर रही हूँ। मैं पूरी रात सो नहीं पाई।"
युद्धविराम समझौते की शर्तों के अनुसार, सोमवार को हमास द्वारा कुल 20 बंधकों को रिहा किया जाना है, जिनमें से सात को रिहा कर दिया गया है। इसके अलावा, 26 मृत बंधकों के शवों को भी आज ही रिहा किए जाने की उम्मीद है। बदले में, इजरायल भी 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
बंधकों की यह रिहाई पिछले सप्ताह मिस्र के शर्म अल-शेख रिसॉर्ट में संपन्न हुए युद्धविराम समझौते के पहले चरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी रिसॉर्ट में सोमवार को बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और 20 से अधिक अन्य विश्व नेताओं का एक शिखर सम्मेलन होने वाला है। इस सम्मेलन में स्थायी शांति की दिशा में वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर चर्चा की जाएगी।
दो साल के इस संघर्ष ने गाजा में भारी विनाश किया है, जिसके कारण गाजा सिटी में रहने वाले लगभग सभी लोग बेघर हो गए हैं। माना जा रहा है कि स्थायी शांति की दिशा में आगे की प्रगति अब वैश्विक नेताओं की प्रतिबद्धताओं पर निर्भर करेगी, जिन पर शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में गहन विचार-विमर्श होने की संभावना है।