भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सीमा पार से होने वाली अवैध हथियार तस्करी और आतंकी फंडिंग पर चिंता व्यक्त की है। भारत के स्थायी राजदूत परवतनेनी हरीश ने किसी देश का नाम लिए बिना पाकिस्तान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी का शिकार रहा है। UNSC में बोलते हुए, राजदूत हरीश ने ज़ोर देकर कहा कि आतंकी गुटों को हथियार पहुंचाने वालों के खिलाफ सुरक्षा परिषद को 'जीरो टॉलरेंस' की नीति दिखानी होगी।
ड्रोन और छोटे हथियारों की तस्करी बड़ा खतरा
राजदूत हरीश ने भारत पर पड़ने वाले आतंकी खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, "भारत दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। सीमा पार से आने वाले अवैध हथियार और अब ड्रोन का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि छोटे हथियारों (Small Arms) और गोला-बारूद की लगातार तस्करी आतंकी संगठनों को जीवित रखती है। इन गुटों को हथियारों की निरंतर आपूर्ति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कोई उन्हें मदद, पैसा या समर्थन दे रहा है। हरीश ने सुरक्षा परिषद से आतंकवाद के हर रूप और उसके समर्थकों के खिलाफ सख्ती बरतने की अपील की।
हथियार एम्बार्गो के सही इस्तेमाल पर ज़ोर
भारत ने UNSC द्वारा लगाए गए हथियार एम्बार्गो (Arms Embargo) की प्रभावशीलता को बढ़ाने पर भी जोर दिया। राजदूत हरीश ने कहा कि ये एम्बार्गो संघर्ष क्षेत्रों में हथियारों की अवैध सप्लाई रोकने का एक अहम तरीका हैं और इन्हें निष्पक्ष और लगातार लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने हथियारों की तस्करी और उनके 'गायब' होने को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए हरीश ने कहा कि कमजोर सुरक्षा वाले गोदाम, सीमा पर ढील और मजबूत तस्करी नेटवर्क आतंकियों तक हथियार पहुंचाते हैं। इसके अलावा, घर में बने हथियार (Home-made weapons) अवैध ट्रेसिंग को और भी मुश्किल बनाते हैं।
वैश्विक सहयोग की आवश्यकता
भारत ने जोर दिया कि अवैध हथियार तस्करी को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि हथियारों की तस्करी नेटवर्क को तोड़ने, सीमा और कस्टम्स एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए सदस्य देशों का एकजुट होना जरूरी है। भारत ने UN के प्रोग्राम ऑफ एक्शन (PoA) और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट (ITI) को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय कानून, निर्यात नियंत्रण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। राजदूत हरीश ने अंत में यह दोहराया कि भारत आतंकी गुटों तक छोटे हथियार पहुंचने से रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह वैश्विक आतंकवाद विरोधी लड़ाई में अपना योगदान देना जारी रखेगा।