भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में तनाव को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को कम करने का संकेत दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद भी जताई है। ट्रंप ने रूस से तेल व्यापार में कमी आने को टैरिफ कम करने का मुख्य कारण बताया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को भारत में अमेरिका के नए राजदूत के रूप में सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मीडिया से बात करते हुए इस महत्वपूर्ण अपडेट को साझा किया।
टैरिफ कम करने का कारण: रूस से तेल व्यापार में कमी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि भारत पर उच्च टैरिफ मुख्य रूप से रूस से तेल व्यापार जारी रखने के कारण लगाए गए थे। उन्होंने कहा, "रूस से तेल व्यापार के कारण भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगा है, लेकिन उन्होंने रूस से तेल व्यापार को बंद कर दिया है। यूं कहें तो तेल व्यापार में कमी आई है। इसलिए (हम) टैरिफ को कम करने जा रहे हैं।" यह बयान उन गंभीर मुद्दों में से एक के समाधान का संकेत देता है जिसने पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता को बाधित कर रखा था। ट्रंप प्रशासन ने 1 अगस्त 2025 को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसके 6 दिन बाद रूस से तेल व्यापार जारी रखने के कारण बतौर पैनल्टी 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया गया था, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया था। अब ट्रंप ने संकेत दिया है कि इस 50 प्रतिशत टैरिफ को कम करने का ऐलान जल्द किया जा सकता है।
राजदूत गोर पर विशेष नज़र रखने का निर्देश
राष्ट्रपति ट्रंप ने राजदूत सर्जियो गोर को शपथ दिलाने के दौरान भारतीय वार्ताकारों की प्रशंसा की, लेकिन साथ ही उन्हें सतर्क भी रहने को कहा। उन्होंने कहा, "भारत बहुत अच्छे वार्ताकार हैं, इसलिए सर्जियो गोर को उन पर विशेष नजर डालनी होगी।" ट्रंप ने विश्वास जताया कि भारत और अमेरिका एक ऐसे सौदे के बहुत करीब हैं जो "सभी के लिए अच्छा है" और "सब काफी खुश होंगे।" दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण होने के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप कई मौकों पर एक-दूसरे की तारीफ कर चुके हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि व्यक्तिगत स्तर पर नेतृत्व संबंध मजबूत बने हुए हैं।
संवेदनशील मुद्दे सुलझाने में लग रहा है समय
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही बताया था कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है और सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि कई संवेदनशील और गंभीर मुद्दे हैं, जिनको सुलझाने में समय लग सकता है।
व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के प्रयास तेज हो गए हैं।
दोनों देशों ने फरवरी 2026 तक ट्रेड डील पर हस्ताक्षर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना कर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। ट्रंप के इस ताजा बयान ने उम्मीद जगाई है कि रूस से तेल खरीद का मुद्दा सुलझने के बाद, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की राह अब आसान हो सकती है, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा लाभ मिलेगा।